बागेश्वर।
आजादी के 76 वर्षों बाद भी देश में ऐसे गांव मौजूद हैं, जहां आज भी बुनियादी सुविधाएं पहुंचने की राह देख रही हैं। लेकिन सोमवार का दिन बागेश्वर की ऊंची पहाड़ियों पर बसे एक छोटे से गांव जातोली के लिए ऐतिहासिक और बेहद भावुक करने वाला रहा। ग्राम पंचायत वाछम के इस तोक में पहली बार बिजली की रौशनी पहुंची और जब बल्ब जला, तो केवल घर ही नहीं, दिल भी रोशन हो उठे।
हमने सुनी थी बिजली की बातें, आज पहली बार देखा उजाला
जातोली गांव के बुजुर्गों की आंखों में वर्षों का इंतजार, पीढ़ियों की कसक और उम्मीदों का जिक्र था। गांव के 82 वर्षीय गोकुल राम की आंखों से आंसू बह निकले। उन्होंने कहा जिंदगी के इस मोड़ पर अब जाकर समझ आया कि बिजली का उजाला क्या होता है। हमने लालटेन में बच्चों को पढ़ाया, अंधेरे में खाना पकाया, लेकिन अब शायद हमारे पोते एक बेहतर कल देख सकेंगे।
ग्रामीणों ने जताया आभार
सोमवार सुबह 8:30 बजे जैसे ही बटन दबाया गया और बल्ब जला, गांव में जश्न का माहौल छा गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने इस पल को कैमरे में कैद किया। ग्रामीणों ने विधायक सुरेश गढ़िया, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, क्षेत्र पंचायत सदस्य कमला और ग्राम प्रधान मालती देवी का आभार जताते हुए कहा कि वर्षों बाद किसी ने हमारे गांव की सुध ली।
अब उम्मीद है एक नई सुबह की
बिजली पहुंचने से अब गांव में बच्चों की पढ़ाई आसान होगी, महिलाएं रसोई में बिना डर के काम कर सकेंगी और युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में भी नए रास्ते खुलने की उम्मीद जगी है। गांव की महिला किरण देवी ने कहा कि अब हमारे बच्चे मोबाइल चार्ज कर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे, रात में बिना डर के बाहर निकल सकेंगे। हमें लगता है जैसे हम भी अब भारत के नागरिक कहलाने के लायक हो गए हैं।
रास्ता आसान नहीं था
जातोली जैसे दुर्गम क्षेत्र में बिजली पहुंचाना आसान नहीं था। वर्षों से ग्रामीण विभागों के चक्कर काटते रहे। कई बार फॉर्म भरे गए, आवेदन दिए गए, लेकिन फाइलें धूल खाती रहीं। पिछले कुछ महीनों में गांव के युवाओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयासों से आखिरकार यह सपना साकार हो पाया।
अब तक अंधेरे में जी रहे थे लोग – अब रोशनी में देख रहे हैं भविष्य
इस गांव की कहानी एक प्रतीक है उन हजारों गांवों की जो अब भी विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का सपना देख रहे हैं। जातोली में जला यह पहला बल्ब, केवल बिजली का नहीं बल्कि एक उम्मीद, एक भरोसे और एक बेहतर कल की शुरुआत का प्रतीक है।






