logo

देश के वीरों के नाम राखी का प्रेम,रेडक्रॉस बागेश्वर की अनोखी पहल

खबर शेयर करें -

बागेश्वर : “रक्षा के सूत्र में बंधा है” विश्वास इसी भावना को साकार करते हुए रेडक्रॉस सोसायटी बागेश्वर ने रक्षाबंधन के पावन अवसर से पूर्व देश की सीमाओं पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए एक विशेष राखी निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में जिले की 150 से अधिक स्थानीय महिलाओं और बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और 500 से अधिक राखियों का निर्माण अपने हाथों से किया। कार्यक्रम का शुभारंभ रेडक्रॉस सोसायटी की संयोजक राजेश्वरी कार्की, चेयरमैन इंद्र सिंह फर्स्वाण और सचिव आलोक पांडे के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस विशेष आयोजन में सिर्फ राखियाँ नहीं बनीं, बल्कि भावनाओं की वो डोर भी बुनी गई जो सीमाओं पर तैनात हर सैनिक को यह अहसास कराएगी कि देश की लाखों बहनों का प्यार उनके साथ है। हर राखी में महिलाओं ने न सिर्फ रचनात्मकता दिखाई, बल्कि अपने हाथों से लिखे संदेश पत्रों के माध्यम से सैनिकों के प्रति कृतज्ञता, आशीर्वाद और भाईचारे की भावना भी व्यक्त की। कार्यक्रम के अंतर्गत राखी निर्माण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसे दो वर्गों ओपन और स्कूल स्तर पर किया गया। जिसमें 100 से अधिक महिलाओं और किशोरियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने पारंपरिक, पारिस्थितिक और आधुनिक डिजाइन की राखियाँ बनाईं। प्रतियोगिता में रचनात्मकता, सौंदर्यबोध और भावना को आधार मानते हुए विजेताओं का चयन किया गया, जिन्हें आगामी समारोह में सम्मानित किया जाएगा। कार्यशाला में उपस्थित बच्चों ने भी रंगों, मोतियों और कागज की मदद से सुंदर-सुंदर राखियाँ बनाईं। उनके मासूम उत्साह और जिज्ञासा ने पूरे माहौल को भावनात्मक और प्रेरणादायक बना दिया। यह आयोजन बच्चों के लिए न केवल एक कला गतिविधि था, बल्कि देशभक्ति और सेवा की भावना से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम भी रहा। वही कार्यक्रम संयोजक राजेश्वरी कार्की ने कहा कि यह सिर्फ एक राखी नहीं, भावनाओं की एक डोर है जो हमारे जवानों तक पहुंचेगी और उन्हें यह एहसास कराएगी कि वे अकेले नहीं हैं। वही रेडक्रास चेयरमैन इंद्र सिंह फर्स्वाण ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि रेडक्रॉस का प्रयास है कि समाज के हर वर्ग को जोड़ते हुए सेवा, सहानुभूति और राष्ट्रप्रेम की भावना को मजबूत किया जाए। वही सचिव आलोक पांडे ने बताया कि सभी तैयार राखियों को रक्षा बंधन से पहले सेना के विभिन्न बटालियनों में भेजा जाएगा, ताकि हर सैनिक को यह स्नेह-संदेश समय पर प्राप्त हो सके। रेडक्रॉस बागेश्वर का यह आयोजन न सिर्फ एक रचनात्मक गतिविधि रहा, बल्कि यह सामाजिक एकता, महिला सशक्तिकरण और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का सशक्त उदाहरण भी बन गया। यह कार्यशाला यह संदेश देती है कि देश के प्रति प्रेम को व्यक्त करने के लिए हमें केवल हथियार नहीं, भावनाओं से बंधी राखियों की भी आवश्यकता होती है। इस दौरान वाइस चेयरमैन ललित मोहन जोशी,कन्हैया वर्मा,वेद प्रकाश पांडे,आर पी कांडपाल,हिमांशु जोशी,सुनीता टम्टा आदि मौजूद रहे।

Share on whatsapp