बागेश्वर : जिले के स्यालडोबा डाकघर में पोस्टमास्टर पद पर कार्यरत राजन राम को सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई दी गई। डाकघर कार्यालय में आयोजित विदाई समारोह में पोस्टमास्टर राजन राम को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने उनकी कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की।
उनके कार्यालय के सहयोगियों ने उनके कार्यकाल को सराहनीय बताते हुए कहा कि उन्होंने स्वच्छ छवि, ईमानदारी और पूर्ण निष्ठा से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है। अपने सेवाकाल के दिनों को याद करते हुए राजन राम ने कहा कि आज भले ही मोबाइल और इंटरनेट ने चिट्ठियों के प्रचलन को कम कर दिया है, लेकिन चिट्ठियों की प्रासंगिकता कम नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सेवाकाल के 30 वर्षो में पोस्टमास्टर रहते हुए नौगांव, कांण्डे,भीडी और स्यालडोबा के हजारों लोगों के चेहरों पर चिट्ठियों के कारण मुस्कराहट देखी है। उन्होंने कहा कि चिट्ठियां न केवल संदेश वाहक का काम करती थीं बल्कि उस दौर में चिट्ठियां सामाजिक समरसता का प्रतीक भी थी जहां लोग एक दूसरे से आत्मिक रूप से जुड़े रहते थे। मोबाइल ने जहां तकनीक तो दी, लेकिन लोगों को एकाकी बना दिया है। विदाई के दौरान वह बहुत ही भावुक भी दिखे। इस ग्रामीणों और स्टाफ ने उनका फूल मालाओं और शाल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया। साथ ही ढोल नगाड़ों के साथ उनको विदाई दी।