logo

व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा की सख्ती,नगर अध्यक्ष कवि जोशी को छह माह के लिए किया निलंबित

खबर शेयर करें -

बागेश्वर। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने नगर व्यापार मंडल बागेश्वर के अध्यक्ष कवि जोशी पर बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें छह माह के लिए संगठन की सभी गतिविधियों से निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें नगर अध्यक्ष पद के समस्त अधिकारों और दायित्वों से भी तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है।

बता दे कि 30 मई 2025 को कवि जोशी द्वारा कोतवाल बागेश्वर को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें उन्होंने मेरे नाम का प्रयोग करते हुए बिना मेरी अनुमति के दिया। उन्होंने कहा कि कृत्य न केवल नियमों के विरुद्ध था, बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी गंभीर माना गया। इस पर मेरे द्वारा ने 01 जून को कवि जोशी को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसका जवाब 04 जून को जोशी द्वारा प्रस्तुत किया गया। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने उक्त जवाब को असंतोषजनक और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। उन्होंने कहा कि जोशी अपने गैरकानूनी कृत्य के प्रति न तो संवेदनशील दिखाई दिए और न ही उन्होंने कोई ठोस स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया, बल्कि उन्होंने अपने कृत्य को सही ठहराने का प्रयास किया। प्रदेश अध्यक्ष ने संगठन की नियमावली के नियम 10(2) के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह स्पष्ट किया कि बिना अनुमति किसी का नाम रिपोर्ट में डालना न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि धोखाधड़ी व अपराध की श्रेणी में आता है। बता दे कि आगामी छह माह तक कवि जोशी किसी भी संगठनात्मक कार्यक्रम, बैठक या निर्णय प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे। इस दौरान नगर अध्यक्ष बागेश्वर के सभी कार्यों का संचालन नगर उपाध्यक्ष करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट संकेत दिए हैं कि यदि भविष्य में कवि जोशी द्वारा पुनः कोई अनुशासनहीनता की जाती है तो उनके विरुद्ध और अधिक कठोर कदम उठाने से गुरेज़ नहीं किया जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  आपदा प्रभावित क्षेत्रों में काम शून्य, सरकार संवेदनहीन : हरीश ऐठानी बेरोजगारी, खनन बंदी और क्रेशर नीति पर सरकार को घेरा, आंदोलन की चेतावनी

इधर, नगर अध्यक्ष कवि जोशी ने कहा कि व्यापार संघ की नियमावली में अध्यक्ष अकेले निर्णय नहीं ले सकते हैं। जिसके लिए 21 सदस्यीय कमेटी की बैठक के बाद सामूहिक निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के पत्र को अवैध करार दिया है।

Share on whatsapp