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यूक्रेन मे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से करी बात।

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रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की। इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के संबंध में हाल के घटनाक्रम के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। वहीं पीएम मोदी ने अपने लंबे समय से चले आ रहे विश्वास को दोहराया कि रूस और नाटो के बीच मतभेद केवल बातचीत से ही सुलझाए जा सकते हैं।

25 मिनट तक चली बातचीत में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के सामने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा है कि बातचीत के जरिए ही कोई हल निकाला जा सकता है। उनके मुताबिक कूटनीति के जरिए ही शांति स्थापित की जा सकती है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान अपने दीर्घकालिक दृढ़ विश्वास को दोहराया कि रूस और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन समूह के बीच मतभेदों को सिर्फ गंभीर वार्ता से ही सुलझाया जा सकता है।

पीएमओ के अनुसार, इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रम से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा रोकने की अपील की तथा सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। फोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी अवगत कराया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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रूसी पक्ष द्वारा मोदी-पुतिन वार्ता के बारे में जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि मोदी ने वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मांगी, जिस पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। पीएमओ ने कहा कि नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि उनके अधिकारी और राजनयिक दल सामयिक हितों के मुद्दों पर नियमित संपर्क बनाए रखेंगे। मोदी-पुतिन वार्ता के बारे में रूसी बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान पुतिन ने डोनबास की नागरिक आबादी के खिलाफ कीव की आक्रामक कार्रवाई के बुनियादी आकलन के साथ-साथ मिन्स्क समझौतों को तोड़ने के उद्देश्य से यूक्रेन की विनाशकारी नीति को रेखांकित किया। इन परिस्थितियों में, और रूस के लिए अस्वीकार्य यूक्रेन के क्षेत्र में अमेरिका तथा उसके नाटो सहयोगियों के सैन्य घटनाक्रम के चलते एक विशेष सैन्य अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्टीकरण के लिए धन्यवाद दिया और वर्तमान में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायता मांगी। इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। बयान में कहा गया कि दिसंबर 2021 में आयोजित रूस-भारत शिखर सम्मेलन के संदर्भ में द्विपक्षीय सहयोग के कुछ मुद्दों पर बात हुई। भारत सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव कम करने के लिए दबाव बना रहा है।

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रूसी हमले के बाद यूक्रेन द्वारा भारत का समर्थन मांगे जाने के कुछ घंटों बाद हुई। पुतिन से प्रधानमंत्री मोदी की इस वार्ता से पहले यूक्रेन ने कहा था कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है। यूक्रेन पर रूसी हमलों में आई तेजी के बाद भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि रूस के सैन्य आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट पर भारत के रुख को लेकर उनका देश काफी असंतुष्ट है। साथ ही उन्होंने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए भारत से समर्थन मांगा। पोलिखा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल शामिल हैं, जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन सुनते हैं तथा नयी दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर सकती है। पुतिन से बातचीत से पहले प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक की अध्यक्षता की और इसमें भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर जोर दिया। इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय फंसे हुए हैं। इनमें अधिकतर छात्र हैं। महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। यूक्रेन की स्थिति पर विदेश सचिव ने बताया प्रधानमंत्री मोदी ने सीसीएस की बैठक में कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता भारतीयों की सुरक्षा और यूक्रेन से उन्हें बाहर निकालना है।

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