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11वें पंचेन लामा की रिहाई की मांग का लेकर मसूरी तिब्बत समुदाय के लोगो ने एक दिन भूखहंडताल कर किया प्रदर्शन

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निवार्सित तिब्बत सरकार ने 11वें पंचेन लामा की रिहाई व कुशल क्षेम को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन सरकार पर दबाव बनाए जाने की मांग उठाई है। जिसके तहत मसूरी तिब्बतन वुमन एसोसिएशन के अध्यक्ष शेरिंग के नेतृत्व में मसूरी के तिब्बत समुदाय के लोगों ने मसूरी के गांधी चौक पर 1 दिन का भूख हड़ताल पर बैठे और तिब्बत समुदाय के 11वें पंचेन लामा की रिहाई की मांग की है उन्होंने कहा है की तिब्बत समुदाय के लोग लगातार चीन सरकार से 11वें पंचेन लामा की रिहाई की मांग कर रहा है। ं और इसी को लेकर सभी लोग भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। उन्होने कहा कि 11वें पंचेन लामा गेधून छियोकी नियमा तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं। वह सबसे कम उम्र के राजनीति बंदी हैं। छह वर्ष की उम्र में उन्हें दलाई लामा की ओर से 11वें पंचेन लामा के तौर पहचान दी गई थी। 25 अप्रैल 1989 को उनका जन्म हुआ था। छह वर्ष की आयु में दलाई लामा द्वारा 14 मई 1995 को उन्हें 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की गई। लेकिन इसके तीन दिन बाद ही चीन सरकार ने 17 मई 1995 को उनका अपहरण कर लिया।
उनके अपहरण को अब 27 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। निर्वासित तिब्बत सरकार समय-समय पर चीन सरकार से उनकी रिहाई या फिर उनके सकुशल होने को लेकर अपनी आवाज को भी उठाती रही है। पिछले 26 साल से निर्वासित तिब्बत सरकार चीन से 11वें पंचेन लामा गेधून छयूकी नियमा की रिहाई की मांग कर रही है। रिहाई तो दूर, चीन सरकार उनके बारे में बताने को तैयार नही है।
पंचेन लामा भी तिब्बतियों के धर्मगुरु है। जिनकी पहचान दलाई लामा द्वारा की जाती है। बौद्ध धर्म में पंचेन लामा अवतार की भूमिका बड़ी अहम है। पंचेन लामा का शाब्दिक अर्थ पंडित अर्थात महान विद्वान है। बौद्ध धर्म में पंचेन लामा को दूसरा बड़ा धर्मगुरु माना गया है। पंचेन लामा के अवतार का सूत्रपात भी पांचवें दलाई लामा ने अपने कार्यकाल के दौरान 1385 में किया था। पांचवें दलाई लामा ने अपने गुरु को इस उपाधि से अलंकृत कर ताशीहुंपो बौद्ध मठ का स्वामित्व सौंपा था। इसके बाद से पंचेन लामा के अवतार की नई परंपरा शुरू हुई थी। दलाई लामा के अवतार में पंचेन लामा व पंचेन लामा के अवतार में दलाई लामा की भूमिका ही प्रमुख रहती है। दोनों की भूमिका गुरु और चेले के रूप में बदलती रहती है।
यही वजह है कि जैसे ही दलाई लामा ने पंचेन लामा को मान्यता प्रदान की चीन ने गेधून छियोकी निमा को परिवार सहित ही गायब कर दिया। वहीं चीन ने ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा के रूप में मान्यता प्रदान की है, जिससे भविष्य में जब भी नए दलाई लामा को मान्यता का सवाल आए तो वह अपनी पसंद के दलाई लामा तिब्बतियों पर थोप सके।
उन्होंने कहा की चीन सरकार बताए कि पंचेन लामा कहां पर और किस स्थिति में हैं। उनके अपहरण को 26 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई भी जानकारी चीन सरकार द्वारा नहीं दी गई है। एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह मांग है कि उनके बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए वह चीन सरकार पर दबाव बनाए। वह तिब्बत में मानवाधिकारों और बुनियादी आजादी का का बहाल कराये।

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