नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित माणापास क्षेत्र में 11 अनाम और अनारोहित पर्वत शिखरों का पर्वतारोहण अभियान सफलतापूर्वक दिनांक 25 जुलाई 2024 को सम्पन्न हुआ। यह अभियान विगत 01 जुलाई 2024 को निम के प्रधानाचार्य अंशुमान भदौरिया के नेतृत्व में आरम्भ हुआ था. इसका उद्देश्य पर्वतारोहण के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करना तथा द्रोपदी का डांडा पर्वत शिखर पर विगत वर्ष हुए प्राकृतिक आपदा में क्रमांक 172 के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के उत्तराखण्ड राज्य के उन बहादुर पर्वतारोहियों के प्रति श्रद्धांजलि भी अर्पित करना है जिन्होंने उस प्राकृतिक आपदा में बहादुरी से अपने प्राण गवांए थे।
इस अभियान का शुभारंभ (फ्लैग ऑफ) उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के उपाध्यक्ष श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 06 जुलाई 2024 को देहरादून से ध्वजांकित कर किया गया था। उक्त अभियान में उत्तराखण्ड के माणा क्षेत्र में अवस्थित 11 अनाम व अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण किया गया, जिसमें 06 पर्वत शिखर 6000 मी० से ऊंचे हैं, 04 पर्वत शिखर 5900 मी0 से ऊंचे हैं तथा शेष 01 पर्वत शिखर 5800 मी० से अधिक ऊंचा है। संस्थान द्वारा आरोहित इन 11 अनाम पर्वत शिखरों का नामकरण द्रोपदी का डांडा पर्वत शिखर पर बहादुरी से प्राण गंवाने वाले उत्तराखण्ड के पर्वतारोहियों के नाम पर किया जायेगा।
संस्थान द्वारा उपरोक्त अभियान दल का फ्लैग-इन (Flag-In) उत्तराखण्ड राज्य की कैबिनेट मंत्री माननीया श्रीमती रेखा आर्य, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, खेल, युवा कल्याण मंत्रालय, उत्तराखण्ड सरकार से अगस्त माह में करवाया जायेगा।
यह अभियान कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा जिसमें संस्थान द्वारा एक प्रयास में 11 अनाम व अनारोहित चोटियों का सफल अभियान किया, जिसमें संस्थान के 60 वर्षों के इतिहास में यह पहला अभियान था, जिसमें एक साथ 11 अनाम व अनारोहित चोटियों का सफल आरोहण किया गया। इसके अतिरिक्त द्रोपदी का डांडा पर्वत शिखर पर विगत वर्ष हुए प्राकृतिक आपदा में बहादुरी से अपने प्राण गंवाने वाले उत्तराखण्ड के 11 वीर सपूतों के नाम पर उक्त सफल 11 पर्वत शिखरों के नामकरण का प्रस्ताव संस्थान द्वारा किया जायेगा।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के इस साहसिक प्रयास के माध्यम से न केवल पर्वतारोहण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, अपितु इस सफल अभियान से पर्वतारोहियों की नई पीढ़ी को भी प्रेरणा मिलेगी।