बागेश्वर : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), बागेश्वर में दिनांक 8 अक्तूबर से 13 अक्तूबर तक चलने वाली छह दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का भव्य उद्घाटन किया गया। यह कार्यशाला “परिवेशिय संसाधन आधारित अनुभवात्मक भौतिकी” विषय पर केंद्रित है। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बागेश्वर के जिलाधिकारी श्री आशीष भटगांई, सूत्रधार प्रो एच.सी.वर्मा और प्रो हेमवती नंदन पांडेय ने संयुक्तनरूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संस्थान के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यक्रम को शिक्षकों के बीच भौतिक विज्ञान को रुचिकर बनाने में सहायक बताया।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों, शोधकर्ताओं, और छात्रों को भौतिकी विषय की अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करना है, जिसमें परिवेशीय संसाधनों का उपयोग करके विषय की गहन समझ विकसित की जाएगी। यह कार्यशाला विशेष रूप से शिक्षकों के लिए आयोजित की गई है जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने छात्रों को भौतिकी का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करना चाहते हैं। प्रो. एच. सी. वर्मा, जो अपनी ‘कांसेप्ट्स ऑफ फिजिक्स’ पुस्तक और भौतिकी की अनुभवात्मक शिक्षा में अपने योगदान के लिए विख्यात हैं, इस कार्यशाला का मुख्य मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कार्यशाला के दौरान भौतिकी की जटिल अवधारणाओं को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जॉय फुल लर्निंग के साथ साथ जॉय फुल टीचिंग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था ही मूल आधार है। उन्होंने बढ़ती कोचिंग प्रवृत्ति पर रोक लगाने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि भौतिकी की वास्तविक समझ तभी विकसित हो सकती है जब हम उसे अपने दैनिक जीवन में अनुभव करें। उन्होंने कहा कि भौतिकी के कई सिद्धांत हमारे परिवेश में ही मौजूद हैं, जिन्हें हम सरल प्रयोगों के माध्यम से समझ सकते हैं। उनकी इस सोच के आधार पर इस कार्यशाला को तैयार किया गया है, जिसमें बिना महंगे संसाधनों के, आसान और प्रभावी तरीकों से भौतिकी सिखाने पर जोर दिया जाएगा। विशिष्ट मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री आशीष भटगांई ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ शिक्षकों और छात्रों के बीच नवीनतम तकनीकों और संसाधनों का आदान-प्रदान करने का उत्कृष्ट माध्यम होती हैं। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर का यह प्रयास जिले में विज्ञान शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान को अपने शिक्षण कार्य में शामिल करें, ताकि छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ शिक्षा प्रदान की जा सके।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के भौतिकी के विभागाध्यक्ष प्रो. हेमवती नंदन पांडेय ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भौतिकी शिक्षण में नवाचार और अनुभवात्मक पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने भौतिकी के सिद्धांतों को रोचक और व्यावहारिक रूप से सिखाने की तकनीकों पर जोर दिया, ताकि छात्रों का ध्यान केवल रटने की बजाय समझने और सृजनात्मकता पर केंद्रित हो।
इस अवसर पर उपस्थित एरीज के वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह ने विज्ञान में शोध और नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अनुभवात्मक शिक्षा से छात्रों की वैज्ञानिक समझ और रुचि दोनों बढ़ती हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आधुनिक युग में छात्रों को तकनीकी ज्ञान से लैस करना महत्वपूर्ण है, ताकि वे वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकें।
इस छह दिवसीय कार्यशाला के दौरान विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भौतिकी के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यशाला के दौरान शिक्षकों को भौतिकी के कई रोचक प्रयोगों का प्रदर्शन और प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे छात्रों को सिखाने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। इसके अलावा, प्रतिभागियों को भौतिकी से संबंधित संसाधनों का उपयोग करने के नए-नए तरीके भी सिखाए जाएंगे। यह कार्यशाला शिक्षकों को भौतिकी के कठिन सिद्धांतों को सरल और सुलभ रूप से प्रस्तुत करने में मदद करेगी।
उद्घाटन सत्र के अंत में संस्थान के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने सभी आगंतुकों, शिक्षकों और छात्रों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला जिले के शिक्षकों और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उन्हें भौतिकी को नई दृष्टि से देखने और समझने का अवसर प्रदान करेगा। इस प्रकार, यह कार्यशाला न केवल जिले के शिक्षकों के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विज्ञान शिक्षा में नए आयाम स्थापित करेगी
कार्यक्रम में त्रिभुवन जोशी, मोहित कुमार , सी.एम जोशी, बी.डी पांडेय, के.पी चंदोला, रुचि पाठक, सीमा बोरा, संदीप जोशी,उमेश जोशी, आलोक पांडे, सवित जनौटी, राजेंद्र सिंह रावत,सहित विभिन्न प्रदेशों, जनपदों से लगभग 70 प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन डायट के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राजीव जोशी ने किया।






