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सवाड गाव से सैनिक सम्मान यात्रा का बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शुभारंभ

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 15 और 16 नवंबर के दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे. सोमवार सुबह देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने उनका स्वागत किया. इसके बाद चमोली के देवाल विकासखंड के सैन्य बाहुल गांव सवाड़ पहुंचकर नड्डा ने शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ किया. नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस और कमीशन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जहां भाजपा है, वहां मिशन है.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 15-16 नवंबर के दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर पहुंचे हैं. देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने उनका स्वागत किया. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी वहां मौजूद थे. इसके बाद नड्डा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत करने चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के सैन्य गांव सवाड़ पहुंचे, यहां उन्होंने शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी. यहां पहुंचने पर ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने नड्डा को चांदी का मुकुट पहनाकर उनका स्वागत किया. शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया. कार्यक्रम के दौरान शहीदों के परिजनों को सम्मनित भी किया गया.

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गौर हो कि वीरों की भूमि उत्तराखंड में शहीद सम्मान यात्रा का आयोजन 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक किया जा रहा है. इसमें लगभग 1,734 वीर शहीदों के आंगन से मिट्टी संजोकर सैन्य धाम तक पहुंचायी जाएगी. इस मौके पर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, वो आज ऐसी वीर भूमि पर आए हैं जहां के वीर सपूतों ने चाहे वो प्रथम विश्वयुद्ध या द्वितीय विश्वयुद्ध था, चाहे वह 1965 की लड़ाई, 1971 की लड़ाई या कारगिल की लड़ाई थी, सभी संग्राम में अपने आप को समर्पित किया और लड़ाई लड़ी. उन शहीदों को नमन जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया.

उन्होंने उत्तराखंड की धरती को क्रांति की धरती बताया और कहा कि उत्तराखंज देवभूमि एवं वीरभूमि है. आज एक लाख 15 हजार उत्तराखंड के जवान देश सेवा में लगे हैं. 05 लाख सैनिक परिवार उत्तराखंड में हैं. इस भूमि से एक परमवीर चक्र, 06 अशोक चक्र, 13 महावीर चक्र प्राप्तकर्ता उत्तराखंड की भूमि से है. इस देवभूमि एवं वीरभूमि से देश के अनेक उच्च पदों पर कार्यरत हैं.

नड्डा ने कहा कि, मोदी सरकार में आज भारतीय सेना में 36 राफेल, 28 अपाचे हेलीकॉप्टर, 15 चिनूक हेलीकॉप्टर जुड़ चुके हैं. पहले की सरकारों में हमारे फौजी भाई बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी झेल रहे थे. मोदी सरकार ने 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट भारतीय सेना को समर्पित किया. उत्तराखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों को मिल रहा है. पीएम किसान सम्मान निधि के तहत उत्तराखंड के सभी पात्र किसानों को सम्मान निधि की 10 किस्त पहुंच चुकी हैं. वहीं, उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस और कमीशन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जहां कांग्रेस है वहां कमीशन है और जहां NDA है, जहां भाजपा है वहां मिशन है.

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वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने कुछ इस तरह वीर सैनिकों को याद करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की “देशभक्ति क्या होती है, पूछो जरा जवानों से,भरा पड़ा इतिहास हमारा, वीरों के बलिदानों से”

सीएम ने कहा कि, ये उनका सौभाग्य है कि उन्हें सवाड़ की धरती को नमन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. चाहे प्रथम विश्वयुद्ध हो, द्वितीय विश्व युद्ध हो, पेशावर कांड हो, देश की आजादी की लड़ाई हो या आजादी के बाद के युद्ध हों, इस धरती के वीरों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर अपना कौशल दिखाया है और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. हर जगह सेना के वीर जवानों ने ये दिखाया है कि भारत पर आक्रमण करना तो बहुत दूर की बात है, कोई आंख भी उठाएगा तो भारतीय सेना उसको मुंहतोड़ जवाब देगी.

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सीएम ने कहा कि, उत्तराखंड ने लाखों वीर सैनिक इस देश को दिये हैं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से ये दिखला दिया कि देवभूमि न केवल समस्त विश्व को शान्ति का मार्ग दिखा सकती है, बल्कि शौर्य और वीरता को भी प्रदर्शित कर सकती है.

सीएम ने कहा कि, एक सैनिक का पुत्र होने के नाते उनके लिए ये गर्व का विषय है कि वो वीर सैनिकों को समर्पित इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं. सैनिक की वीरता तो बाल्यकाल से देखी ही है, और उनके परिजनों का संघर्ष भी देखा है. सीएम ने कहा कि, उन्होंने उस मां-बाप का दर्द देखा है, जिसका बेटा सीमा पर देश की आन-बान के लिए लड़ रहा है, उस पत्नी के आंखों के आंसू देखे हैं जो पति के आने की बांट जोहते-जोहते कब बूढ़ी व बीमार हो जाती है, पता ही नहीं चलता. उन बच्चों की सिसकती हुई किलकारियों को सुना है जो अपने पिता से गले मिलने को व्याकुल हों. कितना संघर्ष है एक सैनिक के जीवन में, लेकिन इसके बावजूद वो दृढ़ता पूर्वक अपने देश के स्वाभिमान को बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है.

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