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भारतीय भाषा समर कैंप: भाषा के संग-संस्कार और सृजन की सीख

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बागेश्वर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज काफलीगैर में आयोजित भारतीय भाषा समर कैंप के पांचवें दिन भी रचनात्मक गतिविधियों और भाषाई अनुभवों का सिलसिला जारी रहा।

प्रातःकालीन सत्र में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) बागेश्वर से डॉ. हरीश जोशी एवं डॉ. चंद्र मोहन जोशी ने शिविर का अनुश्रवण किया। डॉ. चंद्र मोहन जोशी ने शिविरार्थियों को शिविर की अवधारणा और उद्देश्य से अवगत कराते हुए, अब तक संचालित सभी गतिविधियों की सराहना की।

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वहीं, डॉ. हरीश जोशी ने विद्यार्थियों को विभिन्न भारतीय भाषाओं में रोज़मर्रा के जीवन में प्रयुक्त होने वाले शब्दों से परिचित कराया और उन्हें इन भाषाई अनुभवों को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।

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द्वितीय सत्र में संदर्भ दाता सरोज गौड़ द्वारा शिविरार्थियों को सामाजिक चेतना से जुड़ी फिल्में दिखाई गईं तथा ऑपरेशन सिंदूर व विजय जैसी प्रेरणात्मक लघु कथाएं साझा की गईं, जिनसे विद्यार्थियों में सामाजिक सरोकार और नैतिक मूल्यों की भावना जागृत हुई।

इसके अतिरिक्त, शिविर में मेहंदी प्रतियोगिता, पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता जैसी रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

शिविर के नोडल अधिकारी एवं प्रधानाचार्य श्री राजीव निगम ने बीते चार दिनों की शिविर गतिविधियों का विवरण साझा करते हुए उपस्थित अतिथियों, संदर्भ दाताओं और शिविरार्थियों का आभार व्यक्त किया। संदर्भ दाता संजय सिंह जनौटी ने विभिन्न भारतीय भाषाओं की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

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शिविर में चंपा रौतेला, कैलाश कुमार मेहता समेत अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं। शिविर का उद्देश्य छात्रों को भारतीय भाषाओं से जोड़ते हुए उनमें भाषाई समृद्धि, सांस्कृतिक चेतना और रचनात्मकता को विकसित करना है।

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