कोरोना काल के चलते ढाई साल के बाद विकासखंड सभागार में बीडीसी बैठक का आयोजन हुआ। बीडीसी बैठक की शुरुआत होते ही जनप्रतिनिधियों ने समस्याओं को लेकर नाराजगी जताई।करीब चार घंटे तक चली बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बिजली, पानी, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य सहित तमाम मूलभूत समस्याओं को रखा। कई प्रतिनिधियों ने अधिकारी-कर्मचारियों पर कोरोना के नाम पर गांवों की अनदेखी करने का आरोप लगाया तो कई लोगों ने विकास की धीमी गति के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए नाराजगी भी जताई। और कोरोना काल का बहाना बनाने तक कि बात कही।
बीडीसी बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कहा कि उनके कार्यकाल की पहली बैठक है जिस वजह से उनके पास समस्याओं की लंबी लिस्ट है। उन्होंने अधिकारियों पर मीटिंग नही होने के कारण बहाना बनाने और गाँवो का रुख नही करने की बात को भी उठाया। कहा कि अधिकारियों ने कभी भी उनकी समस्याओं को सुनना जरूरी नही समझा और न ही कोई काम किया जिससे उनकी समस्याए बढ़ती गयी। अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने जल जीवन मिशन योजना के कार्यों में तेजी लाने की मांग की। ग्राम प्रधानो ने पेयजल योजना ध्वस्त होने से लेकर दूरस्थ क्षेत्रो से पानी लाने की समस्या तक रखी सदस्यो ने ग्रामीण क्षेत्रो में झूलते बिजली के तारो व कई स्थानों पर खतरा बने सड़े-गले पोलो की समस्या भी उठाई। कई प्रधानों ने मुआवजा नहीं मलने की समस्या भी रखी। कई सदस्यो ने विद्यालय के जीर्ण-र्शीण भवन का निर्माण कराने की मांग की। वही कई ने बच्चों के सापेक्ष एक ही शिक्षक तैनात होने की समस्या को उठाया। किसी प्रधान ने मिडडे मील की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। प्रधानो ने प्राथमिक विद्यालयो के जीर्णशीर्ण भवनो के मरम्मत की मांग रखी। बैठक में विभिन्न विभागों से आए अधिकारियों ने समस्याओं को सुना। बैठक की अध्यक्षता करते हुए ब्लॉक प्रमुख पुष्पा देवी, प्रभारी जिलाधिकारी सीएस इमलाल और सीडीओ संजय कुमार सिंह ने अधिकारियों को समस्याओं का गंभीरता के साथ समय पर निस्तारण करने के निर्देश दिए।बैठक में ब्लाक प्रमुख पुष्पा देवी,कनिष्ठ प्रमुख चांदनी टम्टा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार, प्रभारी जिलाधिकारी नवीन परिहार,अरुण कुमार,नरेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।