कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामले के बाद भारत सरकार भी अलर्ट हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की और उन्हें जरुरी सुझाव दिए। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी इस बैठक में शामिल हुए।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने के साथ ही चारों मेडिकल कॉलेजों में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना की जा चुकी है। दून मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग की टेस्टिंग भी शुरू कर दी गई है। कोरोना महामारी की आहट को देखते हुये राज्य में वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये है साथ ही केंद्र सरकार से तीन लाख प्रिकॉशन डोज उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से कोरोना काल के अनुभवों को देखते हुए अपने-अपने राज्यों में वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने, आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने और कोविड पॉजिटिव केसों की अनिवार्य रूप से जीनोम सिक्वेसिंग करवाये जाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि सभी राज्य अपनी तैयारियों को लेकर आगामी 27 दिसंबर को अपने-अपने राज्यों की सभी चिकित्सा इकाईयों में मॉक ड्रिल करें, ताकि कोरोना की रोकथाम के लिये पर्याप्त संसाधनों, मैन पावर और प्रबंधन का अनुमान लगाया जा सके. जिसकी रिपोर्ट सभी राज्यों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्तुत करनी होगी। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत ने राज्य में कोरोना से बचाव को लेकर सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों ब्योरा दिया।
डॉ रावत ने कहा कि राज्य में 12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों को पहली एवं दूसरी डोज शतप्रतिशत लगाई जा चुकी है, जबकि 25 फीसदी लोगों को प्रिकॉशन डोज लगाई गई है। उन्होंने भारत सरकार से तीन लाख प्रिकॉशन डोज की मांग की है। ताकि सभी नागरिकों का शीघ्रता से तीसरी डोज भी लगाई जा सके।
विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य के चारों मेडिकल कॉलेजों देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी व अल्मोड़ा में प्रतिदिन 11 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टेस्टिंग की क्षमता है, जबकि इन मेडिकल कॉलेजों में स्थापित जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में प्रति माह 2 हजार से अधिक जीनोम सिक्वेसिंग की क्षमता है। वर्तमान में दून मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेसिंग लैब क्रियाशील है। जबकि अन्य तीन संस्थानों में इनसाकॉग (आईएनएसएसीओजी) में पंजीकरण के लिये एनसीडीसी से अनुमति मांगी गई है, अनुमति मिलते ही यहां पर भी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब शुरू हो जायेगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 22 हजार 428 ऑक्सीजन सिलेंडर, 9 हजार 743 आक्सीजन कॅन्सेनट्रेटर तथा 86 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट क्रियाशील है, जबकि सूबे के राजकीय चिकित्सालयों में 762 आईसीयू बेड, 8 हजार 189 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड और 1 हजार 32 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। इसी प्रकार 11 राजकीय जांच केन्द्रों पर प्रतिदिन लगभग 15 हजार आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है।






