उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड जलसंस्थान का एकीकरण, राजकीयकरण की मांग तेज हो गई है। नाराज कर्मचारियों ने सोमवार को भी धरना दिया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि पूर्व में हुए समझौते के कारण उन्होंने एक महीने तक अपना आंदोलन स्थगित रखा, लेकिन उनके साथ फिर से वादाखिलाफी हो रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जल निगम, जलसंस्थान संयुक्त मोर्चा ने जल निगम कार्यालय पर धरना दिया। अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त समन्वयक मोर्चा के जिला संयोजक कैलाश सिंह राणा ने कहा कि सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण पेयजल निगम और जलसंस्थान का एकीकरण नहीं हो सका है। यह मांग लंबे समय से शासन स्तर पर विचाराधीन है, जबकि देश के लगभग 24 राज्यों में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था के लिए राजकीय एकीकृत विभाग स्थापित हैं, जबकि उत्तराखंड में पेयजल की बहुल व्यवस्था होने के कारण जहां एक ओर विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव है, वहीं आम जन मानस में भ्रम की स्थिति रहती है। पेयजल योजना के निर्माण, क्रियान्वयन, रखरखाव आदि के लिए वह दोनों विभाग से संपर्क करते हैं। वही जिले से 12 कर्मचारी देहरादून में होने वाले विधानसभा घेराव के लिए रवाना हो गए है। कल देहरादून होगा आंदोलन। इस दौरान कमला देवी, चंद्रा उपाध्याय, लक्ष्मी कोरंगा,नरेंद्र धामी, तेजन कुमार, विनोद कुमार, ईश्वर सिंह राणा, संदीप आदि ने प्रर्दशन किया।