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राज्य में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से हुई ध्वस्त : प्रदीप टम्टा

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बागेश्वर पहुंचे पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए,उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अटल आदर्श विद्यालयो का गठन किया गया। अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने के नाम पर उन विद्यालयों को बिना समय दिए सीबीएसई बोर्ड में डाल दिया गया। और उनका रिजल्ट साफ तौर पर बता रहा है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था किन हाथों में है। उन्होंने कहा अटल आदर्श विद्यालयों को बनाना और उन्हें सीबीएसई को देना सबसे गलत निर्णय था। उन्होंने कहा कि आज उन विद्यालयों में संस्कृत पढ़ने वाले छात्र को भी एडमिशन नहीं मिल रहा है साथ ही परीक्षा शुल्क भी वहां उत्तराखंड बोर्ड के विद्यालयों के मुकाबले 10 गुना है उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने मान लिया है कि उनका बोर्ड नकारा हो चुका है। इसीलिए वह सीबीएसई बोर्ड को अपने स्कूलों को सौंप रहे है। ना इनके पास सीबीएसई के माध्यम से बच्चो को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षक है। ढांचा वही है बस नाम और काम बदल दिया गया। जिस बच्चे ने छोटी क्लास से हिंदी माध्यम से पढ़ाई करी हो उससे उम्मीद कर रहे है की वो अचानक अंग्रेजी माध्यम में पूरा प्रदेश टॉप कर ले जबकि इस सब से बच्चो की शिक्षा पर काफी ज्यादा बुरा असर पढ़ता है। उत्तराखंड सरकार गरीब बच्चो को शिक्षा से वंचित करने का काम कर रही है ये चाहते है की गरीब का बच्चा पढ़ाई करे ही नहीं। बिना सोचे समझे लिया गया निर्णय है जो राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का काम कर रहा है। आज कई राज्य खुद के बोर्ड को बनाने का काम कर रहे है हम सीबीएसई में जाने के लिए बैचेन हो रहे है। सरकार को तुरंत इसे तुरंत वापस ले लेना चाहिए।

शिक्षा में जवाहर नवोदय और केंद्रीय विद्यालय करते है आज भी नजीर पेश

उन्होंने कहा की डबल इंजन की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह का कोई काम किया ही नहीं है। बस हवा हवाई बाते करने तक ये सीमित है। कांग्रेस सरकार ने जवाहर नवोदय विद्यालय हो या केंद्रीय विद्यालय हो उनको बनाने का काम किया है जिनका रिजल्ट बोलता है की इन विद्यालयों का गठन कितनी बड़ी सोच के साथ किया गया था।

10 साल के कार्यकाल में सांसद पूरी तरह फेल

वही सांसद के आदर्श गांव सूपी के स्कूली बच्चों के वायरल वीडियो पर उन्होंने कहा की सांसद अजय टम्टा अपने कार्यकाल में पूरी तरह फेल रहे है। उनके चुनावी घोषणाओं के समय में जो समस्या पहले थी वो आज भी बनी हुई है। उनके द्वारा ग्वालदम से जोलजीबी सड़क को लेकर कहा गया था की ये सड़क 2 साल में बनकर तैयार हो जायेगी आज तक सड़क में एक पत्थर नही लगाया गया है। टनकपुर – बागेश्वर रेल लाइन आज भी अपनी घोषणा के पूरा होने का इंतजार कर रहे है। वो आपदा ग्रस्त क्षेत्रो में जाने तक को तैयार नहीं रहते है। सरकार किस तरह काम कर रही है ये जनता को खुद समझ लेना चाहिए।

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