मंगलवार रात 1 बजकर 57 मिनट पर बागेश्वर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.7 मापी गई। इसका केंद्र भारत-नेपाल सीमा में नेपाल में स्थित कालुखेती में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
उत्तराखण्ड,उत्तर प्रदेश, दिल्ली ये सब हिमालय के समांतर रेखा पर हैं। यहां पर कुछ लोगों ने हल्के झटके महसूस किए। यानी चार से लगभग पांच मैग्नीट्यूड। यदि अधिक बड़े होते तो बहुत लोग महसूस करते। बड़े भूकंप से पहले भी फोर शॉक आते हैं पर यह भी ऐसा है, नहीं कहा जा सकता है। वैसे प्लेट गति के कारण तनाव तो निरंतर जमा हो रहा है, और वह बहुत से छोटे- छोटे भूकंपों रिलीज़ नहीं होने वाला। यानी एक बड़ा भूकंप गंगा के मैदान में आशंकित है, लेकिन कब, यह कोई नहीं बता सकता।