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उत्तराखंड में चिन्हित किए गए क्रिटिकल और वल्नरेबल मतदान केंद्र

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उत्तराखंड में 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर में 1365 क्रिटिकल बूथ और 809 वल्नरेबल मतदान केंद्र चिन्हित किये गये हैं। राज्य में सर्वाधिक क्रिटिकल मतदान केंद्र हरिद्वार जनपद में 344, देहरादून जनपद में 278, उधमसिंह नगर में 158 पाये गये हैं। सबसे अधिक वल्नरेबल मतदान केंद्र देहरादून में 243, उधमसिंह नगर में 229, नैनीताल जनपद में 201 पाये गये हैं। सभी जनपदों में उनकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार क्रिटिकल और वल्नरेबल बूथों की संख्या कम और अधिक की गई है।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल और वल्नरेबल मतदान केंद्रों के चिन्हीकरण के निर्देश दिये गये हैं। वल्नरेबल मतदान केंद्र की श्रेणी में ऐसे बूथ आते हैं। जिनमें पहले चुनाव के दौरान कोई घटना हुई हों, जिसमें आपराधिक मामला शामिल हो। वहां पर कोई गंभीर घटना या अपराध घटित हुआ हो, जिससे चुनाव बाधित हुआ हो। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा क्रिटिकल मतदान केंद्र के भी मानक तय किये गये हैं। यदि किसी मतदान केंद्र में पिछले चुनाव में 10 प्रतिशत से कम मतदान हुआ हो उसे क्रिटिकल मतदान केंद्र की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे मतदान केंद्र जिनमें पिछले 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है, उसमें से 75 प्रतिशत से अधिक मतदान किसी एक ही प्रत्याशी के पक्ष में हुआ हो, उसे भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। किसी बूथ पर मतदान के दिवस पर औसत से अधिक लोगों ने एपिक के अलावा अन्य दस्तावेजों का प्रयोग किया है, तो उस बूथ को भी क्रिटिकल बूथ की श्रेणी में चिन्हित किया जाता है। क्रिटिकल और वल्नरेबल मतदान केंद्रों के चिन्हीकरण की कार्यवाही सेक्टर ऑफिसर और सेक्टर पुलिस ऑफिसर के माध्यम से की जाती है।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया चिन्हित वल्नरेबल मतदान केंद्रों में विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाती है. क्रिटिकल बूथों पर माइक्रो आर्ब्जवर की तैनाती, वेबकास्टिंग और वीडियोग्राफी की व्यवस्था, मतदान टीम की व्यवस्था की जाती है. मतदाताओं को रिझाने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और स्वास्थ्य विभाग मतदाताओं को मतदान के बाद चिन्हित अस्पताल में फ्री ओपीडी की सेवा देने जा रहा है।

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