बागेश्वर : सरयू बगड़ में मकर संक्रांति पर राजनैतिक पंडाल लगाने की अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। नाराज कार्यकर्ताओं ने दो घंटे का मौन व्रत रखा। वक्ताओं ने कहा कि सरकार के इशारे पर प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। जो घोर निंदनीय है। सरकार कुली बेगार जैसे स्वतंत्रता आंदोलन को खत्म करने की साजिश के अलावा कुछ नहीं है, लेकिन कांग्रेस चुप नहीं रहेगी। सरकार की मंशा को जन-जन तक पहुंचाएगी।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी चौक पर पहुंचे। यहां मुंह में काली पट्टी बांधकर विरोध किया। पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा और जिलाध्यक्ष भगवत डसीला ने बताया कि आचार संहिता का पालन करते हुए एक समय में चार लोग बैठे। दो घंटे तक उनका कार्यक्रम चला। उन्होंने कहा 104 वर्षो से चली आ रही कुली बेगार आंदोलन के प्रतीकात्मक रूप से लगने वाला राजनीतिक मंच की इस परंपरा को पहली बार प्रशासन ने अवरुद्ध करने काम किया। जबकि वर्ष 2012 और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी आचार संहिता लगी थी, उसके बाद भी इस कुली बेगार आंदोलन के प्रतीकात्मक प्रथा का निर्वाहन किया गया था, आज इस ऐतिहासिक परंपरा को खत्म करने की साजिश वर्तमान में भाजपा सरकार व बेलगाम नौकरशाहो के द्वारा किया जा रहा हैं। इसके बाद उन्होंने भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों (कुली बेगार आंदोलन के जनक) का अपमान करने वाली भाजपा सरकार व शासन प्रशासन के खिलाफ दो घंटे का मौन व्रत किया। इस दौरान सिर पर और मुंह पर काली पट्टी बांध कर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन भी किया। इस मौके पर, ललित फर्स्वाण, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, लोकमनी पाठक, बबलू नेगी, लक्ष्मी धर्मशक्तू, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपा धपोला, अर्जुन भट्ट, कुंदन गिरी, भगवत रावल, फिरोज खान व सुंदर मेहरा,कमलेश गड़िया,प्रेम दानू ने धरना दिया।