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मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को मिली नई उड़ान: जुड़ी महिलाएं होंगी ‘सौर सखी’, हर जिले में होगा रख-रखाव प्रशिक्षण”

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मुख्य सेवक संवाद में मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं, सौर ऊर्जा को आत्मनिर्भरता का मजबूत आधार बताया

देहरादून:
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के विकासकर्ताओं के साथ संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनका उद्देश्य राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना और स्वरोजगार के अवसरों को सशक्त करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना से जुड़ी महिलाओं को अब ‘सौर सखी’ के नाम से जाना जाएगा। इससे न केवल महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी रोजगार की दिशा में भी यह एक सशक्त पहल होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि हर जनपद में सौर प्लांटों के रख-रखाव के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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250 मेगावाट लक्ष्य पूरा, अब 2027 तक 2500 मेगावाट का लक्ष्य

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य में इस योजना के अंतर्गत 250 मेगावाट का लक्ष्य पहले ही पूरा किया जा चुका है, और अब इसे बढ़ाकर 2027 तक 2500 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में रूफटॉप सोलर प्लांट्स को बढ़ावा देने के लिए विशेष सब्सिडी दी जा रही है।

सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की ओर

सीएम ने कहा कि सौर ऊर्जा न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह पहाड़ी क्षेत्रों में स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बन रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सोलर मिशन और अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस की सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट उत्पादन और 2070 तक कार्बन न्यूट्रल भारत का लक्ष्य प्रेरणास्पद है।

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योजना की प्रमुख विशेषताएं:

20 से 200 किलोवाट तक की परियोजनाओं पर 20% से 50% तक अनुदान

महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति और दिव्यांगों को 5% अतिरिक्त सब्सिडी

4% ब्याज पर ऋण और 25 वर्षों का पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA)

आवेदन से आवंटन तक की प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन और पारदर्शी

‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘एक जनपद दो उत्पाद’ के साथ योजनाओं का समन्वय

विकासकर्ताओं की राय भी सुनी गई

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संवाद के दौरान विभिन्न जिलों के विकासकर्ताओं ने योजना से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और सुझाव भी दिए:

उत्तरकाशी के शैलेन्द्र सिंह ने कहा – “यह योजना पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रही है।”

चमोली के विकास मोहन ने प्रचार-प्रसार को ब्लॉक स्तर तक ले जाने की मांग की।

पौड़ी की रूपा रानी ने महिला केंद्रित सोलर योजनाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा।

चम्पावत के केतन भारद्वाज ने रख-रखाव प्रशिक्षण की आवश्यकता जताई।

अधिकारियों की मौजूदगी

इस कार्यक्रम में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, तथा एमडी पिटकुल पी.सी. ध्यानी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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