जोशीमठ ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती इन दिनों जोशीमठ में प्रवास कर रहे हैं शंकराचार्य ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान आने वाले समय में धाम में यात्रियों की भरमार और यात्रियों के लिए सुविधा लेकर आएगा।
उन्होंने कहा कि इस मास्टर प्लान के बनने से बद्रीनाथ धाम की यात्रा और भी शोभनीय और सुगम हो जाएगी। शंकराचार्य वासुदेवानंद हेलंग मारवाड़ी बाईपास बनने से नाराज और ना खुश नजर आए उन्होंने कहा कि यदि यह बाईपास बना तो भगवान बद्री विशाल की यात्रा कभी पूरी नहीं हो सकेगी। उन्होंने बताया कि कई पुराणों में ऐसे वर्णन मिलते हैं कि भगवान बद्री विशाल के दर्शन बिन नरसिंह दर्शन के अधूरे हैं। और यदि जोशीमठ से 7 किलोमीटर पहले यह बाईपास बना दिया जाएगा तो इससे तीर्थयात्री पौराणिक नगर ज्योतिर्मठ के दर्शन एवं भगवान नरसिंह के दर्शन नहीं कर सकेंगे जो कि हिंदू धर्मावलंबियों की भावनाओं पर कुठाराघात से कम नहीं है।
शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि देवभूमि का विकास हो वे उसका स्वागत करते हैं। परंतु जन भावनाओं को किसी प्रकार की ठेस न पहुंचे धर्मावलंबियों की आस्था पर प्रहार ना हो व्यापारियों के रोजगार सुरक्षित रहें इन सब चीजों का ध्यान रखते हुए विकास के मॉडल को और मजबूती के साथ खड़ा किया जाए।
वही जोशीमठ के व्यापार संघ अध्यक्ष नैन सिंह भंडार ने कहा कि सरकार द्वारा भी हेलंग मारवाड़ी बाईपास का विरोध शुरू कर दिया गया है। व्यापारियों द्वारा ऐलान कर दिया गया है। कि यदि सरकार द्वारा 2 दिन के भीतर हेलंग मारवाड़ी बाईपास के कार्य को बंद नहीं किया गया तो 2 दिन बाद अनिश्चितकाल के लिए चक्का जाम एवं बाजार बंद कर दिया जाएगा। गुरुवार को तहसील पहुंचे व्यापारियों ने एसडीएम के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि 2 दिन के भीतर हेलंग मारवाड़ी बाईपास के कार्य को रोक दिया जाए। व्यापार सभा के अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी ने कहा कि सरकार हमेशा से जोशीमठ और जोशीमठ के व्यापारियों की उपेक्षा करती आई है। व्यापारियों द्वारा कई बार सरकार को इस बायपास के कार्य को रोकने के लिए अवगत करवाया गया परंतु सरकार और सरकारी अमले की हीला हवाली के चलते आज जोशीमठ नगर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।