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पशुपालन विभाग पहली बार देगा मवेशियों की मौत पर मुआवजा, बागेश्वर की 300 बकरियों की मौत पर लिया संज्ञान

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जिले में मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। 24 जून को बागेश्वर के झूनी में आकाशीय बिजली गिरने से 300 बकरियों की मौत हो गई थी। मामले का संज्ञान लेते हुए पशुपालन विभाग ने पहली बार प्रति बकरी विभागीय मुआवजा जारी कर दिया है।

बता दे की 24 जून को बागेश्वर कपकोट के झूनी टॉप बुग्याल क्षेत्र में चरवाहो की 300 बकरियों के ऊपर आकाशीय बिजली गिरने की घटना घटी थी। इस घटना में बकरियों की मौत हो गई थी। घटना में इतनी बड़ी संख्या में मवेशियों की एक साथ मौत हो गई थी। आर्थिक रूप से कमजोर चरवाहों को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बड़ी राहत दी है।

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पशुपालन मंत्री और बागेश्वर प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा के कार्यालय से जारी सूचना के अनुसार जहां आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से आकाशीय बिजली गिरने से मृत प्रति बकरी के लिए 4 हजार रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है तो 2 हजार रुपए अब पशुपालन विभाग की तरफ से प्रति बकरी पर दिया जाएगा। इस तरह से चरवाहों को प्रति बकरी पर 6 हजार का मुआवजा सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। पशुपालन विभाग द्वारा जारी हुई सूचना के अनुसार पशुपालकों को प्रति बकरी 2 हजार रुपए की मुआवजा राशि जनपदीय प्रबंधक उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड बागेश्वर के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद यह राशि पशुपालकों को उपलब्ध कराई जाएगी।

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बता दें कि हर साल मॉनसून सीजन में जहां एक तरफ देवीय आपदाओं के चलते कई लोग अपनी जान गंवा लेते हैं तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में जान माल का नुकसान भी होता है. इस नुकसान में मवेशियों की संख्या भी बेहद ज्यादा होती है. उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन एक्ट के मुताबिक, मुआवजा राशि तय की गई है. लेकिन इस मुआवजा राशि के मानक बेहद कम हैं. लिहाजा, संबंधित विभाग द्वारा अतिरिक्त मदद देने की समय-समय पर आवश्यकता पड़ती है. इसी क्रम में बागेश्वर की घटना में जहां आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आपदा एक्ट के तहत मुआवजा दिया गया लेकिन यह मुआवजा बेहद कम होने की वजह से पशुपालन विभाग द्वारा अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई है.

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