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विधानसभा शीतकालीन सत्र में 6 विधेयक बने अधिनियम।

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उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। सत्र आगामी 5 दिसंबर 2022 तक चलेगा। उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू होते ही सबसे पहले सदन ने दिवंगत पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया को श्रद्धांजि दी। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा आज उनकी स्मृतियां, भूमिका और राज्य के विकास में उनका योगदान हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जाना एक अपूर्णीय क्षति है। हम सभी कांग्रेसजन उनके परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।

इस मौके पर भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि केदार सिंह फोनिया के साथ उत्तर प्रदेश की विधानसभा से कार्य करने का अनुभव मिला। उनसे हमेशा जनहित से जुड़े मुद्दों पर उनसे चर्चा होती थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में मेरी चर्चाओं और बहस को अपनी किताब का हिस्सा बनाया। वहीं, आज सदन की कार्यवाही देखने के लिए कोटद्वार आर्य कन्या इंटर कॉलेज की छात्राएं पहुंची हैं।

सबसे पहले आज सचिव विधानसभा ने राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने वाला विधेयक सदन के पटल पर रखा। जिसके बाद उत्तराखंड में 6 विधेयक अधिनियम बनाए गए। जिसमें उत्तराखंड विनियोग विधेयक 2022 बना पांचवां अधिनियम बनाया गया. उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा (संशोधन) विधेयक 2022 को छठवां अधिनियम बनाया गया. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि ब्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक 2022 सातवां अधिनियम बनाया गया।

सदन में उत्तराखंड उधम एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन (संशोधन) विधेयक 2022 बना आठवां अधिनियम बनाया गया। औद्योगिक विवाद (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक 2020 बना नवां अधिनियम बनाया गया। उत्तराखंड सिविल विधि (संशोधन) विधेयक 2021 बना दसवां अधिनियम बनाया गया

प्रश्नकाल के दौरान हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सदन में विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विधायक के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है. उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में कार्ययोजनाओं से दूर रखा जाता है। ऐसे में उन्होंने इस मसले पर कार्रवाई की मांग उठाई है. लिहाजा, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मामले की जांच के आदेश देते हैं। विधायक का आरोप था कि हल्द्वानी में बड़ी कार्ययोजना योजना तैयार की जा रही है, जिसकी 12 बैठकें हो चुकी हैं और दो बार डीपीआर भी तैयार की जा चुकी है, करीब 800 करोड़ की यह योजना में एक भी बार स्थानीय विधायक को बैठक में नहीं बुलाया गया, जिसको लेकर उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान विशेषाधिकार हनन का प्रश्न रखा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में तारांकित प्रश्न में जवाब मांगा जाएगा।

विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर जसपुर विधायक आदेश चौहान ने सदन में आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर पुलिस द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इस मामले की जांच का भरोसा दिया है। विधायक आदेश चौहान ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वह आत्मदाह को मजबूर होंगे।

सदन में 9 विधेयक हुए पुनः स्थापित

1 :- बंगाल, आगरा और आसाम सिविल न्यायालय ( उत्तराखंड संशोधन एवं अनुपूरक उपबन्ध ) विधेयक 2022 पुर:स्थापित किया गया

2 :- उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन ( रोजगार विनियमन एवं सेवा शर्त ) संशोधन विधेयक 2022 सदन में पुर:स्थापित किया गया

3 :- पेट्रोलियम विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को भी सदन में पुर: स्थापित गया

4 :- उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को भी सदन में पुर:स्थापित किया गया

5 :- भारतीय स्टांप (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक को भी सदन में पुर:स्थापित किया गया

6 :- उत्तराखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक को भी सदन में पुर:स्थापित किया गया

7 :- उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध ( संशोधन ) विधेयक 2022 को भी सदन में पुर:स्थापित किया गया

8 :- उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन) विधेयक 2022 को सदन के पटल पर पुर:स्थापित किया गया

9 :- उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक 2022 को पुर:स्थापित किया गया

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