ग्लेशियरों की सैर पर जाने वाले पर्यटकों की कपकोट और लोहारखेत में बने वन विभाग के बैरियर पर पंजीकरण और जांच की जाती है। कपकोट में पंजीकरण नहीं कराने वाले को लोहारखेत में रोक दिया जाता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कर्मी मोटर मार्ग और अन्य रास्तों के बनने के बाद पर्यटक बिना पंजीकरण कराए आसानी से ग्लेशियर तक पहुंच रहे हैं। बीते दिनों हुए हादसे से पहले प्रशासन ने इस मसले को गंभीरता से नहीं लिया था, हालांकि अब कपकोट या लोहारखते के बैरियर को खाती या खर्किया में शिफ्ट कराने को लेकर चर्चा हो रही है। डीएफओ, डीएम और एसपी ने इस प्रस्ताव पर चर्चा भी कर ली है। रेस्क्यू अभियान समाप्त होने के बाद इसका प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने पर कार्य होगा।
नियम तोड़ने वालों पर विभिन्न धाराओं में होगी कार्रवाई
वन विभाग के ग्लेशियर रेंज के आरओ विजय मेलकानी ने बताया कि ग्लेशियरों की सैर पर जाने वाले देशी पर्यटकों के लिए एक सप्ताह तक का पंजीकरण शुल्क 67 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 122 रुपये है। एक सप्ताह के बाद यह प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ता है। बताया कि बिना अनुमति के ग्लेशियरों में पकड़े जाने वाले के खिलाफ वन अधिनियम, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और वन पंचायत नियमावली के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
वही डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि बिना अनुमति ग्लेशियरों की सैर पर गए पर्यटकों के नाम, पते एकत्र किए हैं। जिसके आधार पर टूर ऑपरेटरों का पता लगाया जा रहा है। खर्किया और खाती में पंजीकरण बैरियर को शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। भविष्य में बिना पंजीकरण कराए ग्लेशियर जाने वाले पर्यटकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।