उत्तराखंड में बिना अनुमति ग्लेशियरों की सैर पर गए पर्यटकों के खिलाफ वन विभाग सख्त कदम उठाएगा। आपदा के दौरान पंजीकरण संबंधी कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठने के बाद विभाग ने ट्रैकरों को भेजने वाले टूर ऑपरेटरों का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला कर लिया है। विभाग ने बीते दिनों आई आपदा में कई ट्रैकरों की मौत के बाद सबक लेते हुए भविष्य के लिए पंजीकरण संबंधी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भी कमर कस ली है।
प्रदेश में तीन दिन की बारिश के बाद पिंडारी, सुंदरढूंगा और कफनी ग्लेशियरों में करीब 75 पर्यटक और स्थानीय लोग फंस गए थे। पर्यटकों में बंगाल, महाराष्ट्र के अलावा अमेरिकी मूल के लोग भी शामिल थे। ट्रैकरों के फंसने के बाद खोजबीन की गई तो किसी का भी रिकॉर्ड वन विभाग के पास दर्ज नहीं था, जबकि वन क्षेत्र में पड़ने वाले ग्लेशियरों की यात्रा के लिए वन विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
वन विभाग ने तय किया है कि जितने भी देशी और विदेशी पर्यटक बिना पंजीकरण कराए ग्लेशियरों की सैर पर गए थे, उनके टूर ऑपरेटरों का पता लगाया जाएगा। जिसके बाद ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।