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फूलो की घाटी में इस बार 10 हजार पर्यटक पहुंचे, 15 लाख की आय हुई

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विश्व प्रसिद्ध फूलो की घाटी शीत काल मे पर्यटकों के लिए आज दोपहर को बंद कर दी गई है।
कोरोना वाइरस के वैश्विक संकट के चलते इस बर्ष भी घाटी को एक माह की देरी से 1 जुलाई को पर्यटकों के लिए खोला गया था। इस बर्ष यहां 10 हजार के लगभग पर्यटक पहुंचे। जिसमे 15 विदेशी भी शामिल है l जिन से पार्क प्रशासन को 15 लाख से अधिक की आय हई l
विश्व धरोहर फूलो की घाटी समुद्र तल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर 2-4 कि.मी.के दायरे मे फैली हुई है। 06 नवंबर 1982 को इसे राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था। जब कि 2004 मे यूनेस्को ने फूलो की घाटी को विश्व धरोहर घोषित किया। सीजन मे यहां 500 से आधिक प्रजाति के रंग – बिरंगे फूल खिले रहते है। जिसमे जापान का राष्ट्रीय पुष्प बूलूपापी तथा उत्तराखंड का राज्य पुष्प ब्रह्मकमल भी शामिल है। प्रति बर्ष यह घाटी 01 जून को पर्यटको के लिए खोल दी जाती है। जो अक्टूबर माह तक खुली रहती है।
ऋषिकेश – बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोविंद घाट से 19 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई पार कर यहां पहुंचा जाता है ।
बर्ष 2019 मे 17 हजार 640 पर्यटक पहुचे। बर्ष 2020 मे यहां 932 पर्यटक पहुंचे थे। जिस मे 11 बिदेशी शामिल थे। जिन से पार्क प्रशासन को 1 लाख 42 हजार 900 से अधिक की आय हुई थी।
जिला पर्यटन अधिकारी ब्रजेश पांडेय ने बताया है कि इस बर्ष घाटी को एक माह की देरी से खोला गया। 10 हजार के लगभग पर्यटक यहां पहुंचे है। इनसे नंदा देवी नेशनल पार्क को 15 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। वन विभाग घाटी मे प्रवेश के लिए प्रवेश शुल्क के रूप मे भारतीय पर्यटक से 150 रूपया प्रति पर्यटक तथा विदेशी पर्यटक से 6 सौं रूपया शुल्क लेता है।

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