आज में कवि जोशी जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस बागेश्वर आत्म चिंतन करते हुए। बागेश्वर जिले में हार की पूरी नैतिक जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए। जिलाध्यक्ष के पद इस्तीफा दिया। और कहा कि वह राजनीति से भी पूरी तरह सन्यास लेते है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से हर दबें, कुचले पिछड़े और छोड़ में अंतिम व्यक्ति की आवाज बनना चाहता है। आगे भी उनके लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। पर केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता बनकर। उन्होंने बताया कि वह हमेसा से पार्टी मैं इसलिए थे कि वह वहां रहकर लोगो की पीड़ा उठा पाएंगे उनके दर्द को कम कर पाएंगे पर मुझे अफसोश है कि मेरी
सोच संघर्ष व लड़ाई अधूरी रह गयी। साथ ही हार के कारणों को भी गिनाया।
1- अति आत्मविश्वास हम जीत रहे है।
2- कार्यकर्ताओ का अंतिम दिन अपने बूथों को अधिकतर ढीला छोरना।
3- अपने अपने बूथ में सेंधमारी करने वाले लोगो को रोक न पाना।
4- पूरे प्रदेश में 4 साल तक सीनियर कांग्रेस ,प्रदेश अध्यक्ष नेता विपक्ष का सोये रहना और सदन में जनता की आवाज न उठाना व सरकार का दलाल बन कर रहना ।
4- 5 साल और इलेक्शन में भी सभी शीर्ष नेतृत्व का आपसी गुटवाजी में उलझे रहना।
5- पूरे प्रदेश में कोई भी इलेक्शन कंपेनिंग टीम का शीर्ष नेता केंडिडेट के पक्ष में कैम्पेनिग में न पहुचना।
6- नगरपालिका चुनाव 2018 से गलत टिकट वितरण से ही कांग्रेस का पतन शीर्ष नेतृत्व द्वारा शुरू कर दिया गया था।
7- जिलापंचायत चुनाव में इसकी पुनरावृत्ति की गई और कांग्रेस को खत्म करने की पुनः शाजिश की गई।
8- 2 साल पहले ही प्रदेश अध्यक्ष और पूरी कमेटी बदल जानी चाहिए पर लास्ट 9 महीनों में सब कुछ हुआ।






