विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 10 लाख महिला आशा कार्यकर्ताओं को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आशा कार्यकर्ताओं को बधाई दी। मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, खुशी है कि आशा कार्यकर्ताओं की पूरी टीम को ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवॉर्ड से नवाजा गया। सभी आशा कार्यकर्ताओं को बधाई। उन्होंने आगे कहा, वे एक स्वस्थ भारत सुनिश्चित करने में सबसे आगे हैं। उनका समर्पण और संकल्प काबिले तारीफ है। ये सम्मान आशा कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए और कोरोना महामारी के दौरान महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठाने के लिए मिला। कोरोना महामारी के दौरान आशा कार्यकर्ताओ ने फ्रंट लाइन वर्कर का काम किया। घर- घर जाकर कोरोना संक्रमित का पता लगाना और उनको प्राथमिक उपचार देने का काम किया। कोरोना महामारी के दौरान ही आशा कार्यकर्ता काफी चर्चा में आईं। भारत की 10 लाख महिला आशा कार्यकर्ताओं को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सम्मानित किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने आशा कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए कहा, पुरस्कार विजेताओं में समर्पण और मानवता की निस्वार्थ सेवा भावना शामिल है।
कोरोना महामारी के दौरान इन आशा कार्यकर्ताओं ने बच्चों, महिलाओं के मातृत्व की देखभाल को लेकर बेहतर कार्य किया। आशा वर्कर्स ने गांव की गलियों से स्वास्थ्य केंद्र तक स्वास्थ्य सेवाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने में शानदार प्रयास किया। जब देश में कोरोना का कहर चरम पर था, तब कठिन परिस्थिति में भी आशा कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी पर डटी रहीं। जिसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उन्हें सम्मानित किया है।
बागेश्वर में कार्यरत एएनम पूनम नौटियाल इसके लिए मिसाल बनी है। पूनम ने कोरोना टीका लगाने के लिए पांच से सात किलो मीटर रोजाना पैदल दूरी नापी। उन्होंने इस दौरान उन लोगों को भी जागरूक किया,जो वैक्सीन लगाने के लिए एकदम तैयार नहीं हो रहे थे। पूनम नौटियाल वही है जिनकी पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात में जमकर तारीफ की थी।