जिला पंचायत का सदन हमेशा ही विवादों में घिरा रहता है। बजट को लेकर अध्यक्ष पर आरोप लग रहे हैं। मंगलवार को जिला पंचायत की सामान्य बैठक में बजट का आवंटन होना था, महिला सदस्यों ने समान बजट का आवंटन नहीं होने पर जमकर हंगामा किया। जिला पंचायत अध्यक्ष पर आरोप लगाया और बैठक कक्ष में ही धरने पर बैठ गईं। अध्यक्ष बैठक छोड़ चली गईं, सदस्यों ने कहा कि वह समान बजट आवंटन होने के बाद ही धरने से उठेंगे।

जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत की सामान्य बैठक हुई। इसमें आय-व्यय आदि पर चर्चा हुई। बजट आवंटन को लेकर महिला जिपं सदस्य गोपा धपोला, इंदिरा परिहार, पूजा देवी, रेखा देवी, रूपा देवी आदि ने सवाल-जवाब शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि महिला सदस्यों की बात सदन में नहीं सुनी जा रही है। वह हक के लिए लड़ रही हैं। जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है। पूर्व में जिपं अध्यक्ष के साथ हुए समझौता पर अमल नहीं हो रहा है। 19 लाख का प्रस्ताव मांगा गया। पिछली बैठक में सात लाख के प्रस्ताव पास किए गए। उनके बजट से ही पैसा काट कर उन्हें वितरित करने की कोशिश की जा रही है। 57 प्रतिशत बजट पिछली बार जिपंअ ने विवेकाधीन कोटा बनाया। इसमें भी उनका ही बजट काटा गया। अब कहा जा रहा है कि उन्हें चार किश्तों में बजट दिया जाएगा। यह समाधान नहीं है, जबकि दवाब बनाया जा रहा है। महिला सशक्तीकरण को लेकर तमाम दावे हो रहे हैं, लेकिन धरातल में उनका शोषण हो रहा है।

अध्यक्ष समाधान नहीं चाहती हैं, जबकि वह समस्या को लंबा खींच रही हैं। बजट आवंटन को लेकर नाराज सदस्य बैठक कक्ष पर ही धरने पर बैठ गए। बैठक का संचालन एएमए अनिल अडवाल कर रहे थे उन्होंने सदस्यो को लगातार मनाने का प्रयास किया। महिला सदस्यो ने मांग पूरी होने तक धरना समाप्त नही करने की बात कही वही धरना रात 10 बजे तक चलता रहा। सदस्यो ने कहा कि अगर मांग नही मानी जायेगी तो वह आमरण अनशन को बाध्य होंगी। अंततः 10:30 मे एएमए के लिखित आस्वाशन के बाद धरना समाप्त हुवा।




