महिलाओ ने 25 दिसंबर को आंदोलन की दी चेतावनी
उत्तराखंड सरकार ने नए साल से टेक होम राशन योजना को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से वापस लेने का निर्णय लिया है। जिससे हजारों महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं। महिलाओं का कहना कि पूरे उत्तराखंड में हजारों महिलाएं टेक होम राशन के जरिए अपना परिवार चला रही हैं। उत्तराखंड में करीब 40 हजार महिलाए टेक होम राशन योजना से जुड़ी है और इसी से ही अपना घर परिवार चला रही हैं, लेकिन नए साल से उत्तराखंड सरकार ने समूह की महिलाओं से टेक होम राशन का कार्य वापस ले लिया है। बीते 8 अप्रैल को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने एक विज्ञापन जारी करके टेक होम राशन के लिए ई-निविदा मांगी थी। दावा है कि यह टेंडर करीब साढ़े पांच सौ करोड़ रुपए का है। यह काम निजी हाथों में जाता है, तो स्वयं सहायता समूहों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
टेक होम राशन योजना से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि 8 सालों से जिस रोजगार से महिलाएं अपने परिवार का भरण पोषण कर रहीं रही थीं, वो रोजगार अब उनसे छीना जा रहा है। सरकार नए साल में महिलाओं को तोहफे की जगह उनसे रोजगार छीन रही है। उत्तराखंड की हजारों महिलाओं को अब मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। महिलाओं का कहना कि जहां उत्तराखंड की सरकार महिलाओं को रोजगार देने की बात कर रही है तो वहीं समूह से जुडी सैकड़ों महिलाओं से रोजगार छीना जा रहा है। वहीं अब महिलाओं ने आगामी 25 दिसंबर से पूरे प्रदेश में आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में 2014 में टेक होम राशन के नाम से एक योजना शुरू की गई थी। इस योजना को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित किया जाता है। टेक होम राशन योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों से नवजात शिशुओं, कन्या और अन्य कई योजनाओं के तहत पात्रों को राशन का वितरण किया जाता है। इस राशन की सप्लाई विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कराई जाती है। इस व्यवस्था के तहत स्वयं सहायता समूहों की जुड़ी महिलाएं राशन की खरीद बाजार से करती हैं और इसकी पैकिंग के लिए बैग, लिफाफे आदि समूह में काम करने वाली महिलाएं खुद से तैयार कर लेती हैं। उन्हें इस काम के बदले विभाग से भुगतान कर दिया जाता है। बताया जा रहा है कि इस योजना से राज्य में करीब 40 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं।






