पगना गांव में कूड़ा डंपिंग जोन बनाए जाने के विरोध में भड़के ग्रामीण, डीएम कार्यालय पहुंचकर जताया आक्रोश, चेताया नहीं मानी बात तो होगा उग्र आंदोलन
बागेश्वर। नगर पालिका परिषद द्वारा पगना गांव क्षेत्र में कूड़ा डंपिंग जोन बनाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और इस निर्णय को गांव की सेहत, पर्यावरण और भविष्य के लिए खतरनाक बताते हुए प्रस्ताव को तत्काल रद्द करने की मांग की।
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि पगना एक स्वच्छ और हरित क्षेत्र है, जहां अब तक प्राकृतिक संतुलन बना हुआ है। यहां कूड़ा डंपिंग ज़ोन बनाने से न केवल गंदगी और दुर्गंध फैलेगी बल्कि जमीन, जल और हवा भी प्रदूषित होगी। इससे गांव की बुनियादी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है और बच्चों-बुजुर्गों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस फैसले में न तो उनकी राय ली गई और न ही जनसुनवाई जैसी कोई प्रक्रिया अपनाई गई। यह तानाशाहीपूर्ण निर्णय है जो लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी करता है। प्रदर्शनकारियों ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए चेताया कि यदि इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन को कूड़ा निस्तारण के लिए जगह चाहिए तो नगर क्षेत्र के बाहर किसी निर्जन व उपयुक्त स्थान को चुना जाए, जहां जनसंख्या पर उसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। ग्रामीणों का कहना है कि यह आंदोलन अभी शांतिपूर्ण है लेकिन यदि प्रशासन ने उनकी बातों को नजरअंदाज किया, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। और साथ ही जरूरत पड़ी तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। इस मौके पर ओम प्रकाश टम्टा, कुंदन लाल, दया चंद, नरेंद्र सिंह, प्रताप सिंह नेगी, चंदन लाल, जगत सिंह सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने एकजुट होकर आवाज़ उठाई कि वे अपने गांव को कूड़ा-कचरे का केंद्र नहीं बनने देंगे।
