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बागेश्वर के सुदूरवर्ती विद्यालयों मे होगा विज्ञानोत्सव कार्यक्रम,500 से अधिक छात्र छात्राओं को मिलेगा इसका लाभ,बदियाकोट से होगी शुरुआत

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बागेश्वर: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जिले के सुदूरवर्ती विद्यालयों में विज्ञानोत्सव कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। जिसका शुरूआत राइंका बदियाकोट से होने जा रही है। चार दिन तक संचालित होने वाले कार्यक्रम का लाभ गांव के बच्चों को मिल सकेगा। जिसमें 80 छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगी।


डायट के प्राचार्य डा. शैलेंद्र धपोला ने बताया कि यह उत्तराखंड के शिक्षा जगत में पहला अभिनव प्रयोग होगा। 20 से 24 नवंबर तक विज्ञानोत्सव संचालित किया जाएगा। जिसमें राइंका बदियाकोट, सोराग, उच्च प्राथमिक विद्यालय तीख, धूर, किलपारा आदि स्कूलों के बच्चे भागीदारी करेंगे। बच्चों के साथ ही शिक्षक भी कार्यशाला में शामिल होंगे। पिंडर घाटी के 500 से अधिक छात्र-छात्राओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा। बाल विज्ञान खोजशाजा के विज्ञान प्रचारक आशुतोष उपाध्याय, आशीष कांडपाल कार्यशाला में सहयोग करेंगे। मुख्य उद्देश्य अनुभव आधारित विज्ञान शिक्षण को बढ़ावा देना है। विज्ञान की रोचकता को बच्चे महसूस कर सकें। कोरोना के कारण पठन-पाठन को नुकसान हुआ है। बच्चों के लिए विशेष पैकेज तैयार किया गया है। कम समय में आनंदायक तरीके से, रोचकता के साथ, विज्ञान के ज्ञान का अर्जन, सीखने की प्रक्रिया में बच्चे भाग ले सकेंगे।


विज्ञानोत्सव में विविध संबोधों पर माडल निर्माण कराए जाएंगे। जिसमें जादुई गुड्डा, चुंबक की ट्रेन, नाचती गुढ़िया, पानी का फव्वारा, पेरीस्कोप, चुंबक का लट्टू, तैरती पेर क्लिप, हथेली में छेद जैसे रोचक माडलों का निर्माण होगा। विज्ञान गीत, नाटक, फिल्मों का प्रदर्शन भी होगा।

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