logo

उत्तरपदेश एसटीएफ ने पेपर लीक मामले में मूसा व योगेश्वर को किया गिरफ्तार,अब तक 41 आरोपी हो चुके है गिरफ्तार।

खबर शेयर करें -

उत्तरप्रदेश एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में सादिक मूसा और योगेश्वर राव को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। पूरे मामले में एसटीएफ ने अब तक 41 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में फरार चल रहे सैय्यद सादिक मूसा पर दो लाख और योगेश्वर राव ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। उत्तरप्रदेश एसटीएफ की टीम ने दोनों आरोपियों को लखनऊ के विभूतिखंड से गिरफ्तार किया है।

उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक कल सूचना प्राप्त हुई थी कि दो लाख का इनामी सादिक मूसा और एक लाख का इनामी योगेश्वर राव लखनऊ के आसपास किसी स्थान पर आ सकते है। इसी सूचना के आधार पर उत्तराखंड एसटीएफ की एक विशेष टीम को लखनऊ रवाना किया गया था।

इसी दौरान दोनों आरोपियों को यूपी एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। कागजी कार्रवाई के बाद यूपी एसटीएफ ने दोनों आरोपियों को उत्तराखंड एसटीएफ के हवाले कर दिया है। अब दोनों आरोपियों को लेकर पर उत्तराखंड एसटीएफ की टीम देहरादून आ रही है।

दोनों की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस ने यूपी एसटीएफ से सहयोग मांगा था। 2 लाख रुपए के इनामी मूसा व 1 लाख रुपए के इनामी योगेश्वर के पास से एसटीएफ को मात्र 28 सौ रुपये मिले हैं। दोनों ने पेपर प्रकाशित करने वाली कंपनी के कर्मचारी से आठ लाख रुपये में पेपर खरीदने और उत्तराखंड निवासी अपने गैंग के अन्‍य सदस्‍यों को दस-दस लाख रुपये में पेपर बेचने का सौदा तय किया था।

पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि साल 2021 में उत्तराखंड राज्य में आयोजित यूकेएसएसएससी-2021 की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर स्थित आरएमएस सॉल्यूशन कंपनी लखनऊ द्वारा छापा जा रहा था। जिसकी जानकारी हम लोगों को कंपनी में कार्य कर रहे कासान शेख द्वारा मिली। कासान द्वारा यह भी बताया गया कि यूकेएसएसएससी परीक्षा 4 और 5 दिसम्बर 2021 को आयोजित होगी। इस परीक्षा का पेपर मैं आप लोगों को उपलब्ध करा दूंगा, जिसके एवज में प्रत्येक व्यक्ति 8 लाख रुपये लूंगा। जिस पर हम लोगों ने यह सौदा तय कर लिया।

आरोपियों ने बताया कि 5 दिसंबर को दूसरी पाली में होने वाली परीक्षा का पेपर कासान ने तीन दिसंबर को इंजीनियरिंग चौराहे के पास स्थित गौशाला के सामने हम लोगों को दिया। हम लोगों ने पेपर मिलने की जानकारी शशिकांत सिंह निवासी उत्तराखंड और केन्द्रपाल सिंह निवासी धामपुर बिजनौर को दिया। केन्द्रपाल सिंह को हल्द्वानी पहुंचने के लिए भी कहा गया। जिसके बाद हम लोग अपने-अपने वाहनों से फिरोज और सम्पन्न राव के साथ दूसरे दिन 4 दिसंबर को हल्द्वानी पहुंचे।

जहां बृजपाल हॉस्पिटल के पास एक होटल में योगेश्वर राव के नाम से दो कमरे बुक किया गया। वही पर हम लोगों की मुलाकात शशिकान्त और केन्द्रपाल सिंह से हुई। इन दोनों से प्रति अभ्यर्थी 10 लाख लेने की बात तय कर पेपर उनको देकर वापस आ गए। परीक्षा के बाद शशिकांत ने योगेश्वर राव को 20 लाख रुपये दिए और शेष पैसे बाद में देने का वादा किया था। पैसा योगेश्वर राव द्वारा कासान शेख को दे दिया गया।

पूछताछ पर आरोपियों ने बताया कि हम लोगों का नाम प्रकाश में आने की जानकारी हमें सोशल मीडिया के माध्यम से हुई। साथ ही यह भी जानकारी हुई कि हम लोगों के गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार भी घोषित हो गया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए हम लोग विभिन्न स्थानों पर छिपकर रहे थे।

गौरतलब है कि 5 सितंबर को पेपर लीक के मूसा के साथी संपन्न राव को भी लखनऊ के गोमतीनगर से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सैयद सादिक मूसा और उसके साथी योगेश्वर राव की तलाश तेज हो गई थी। एसटीएफ की टीमें यूपी के लखनऊ सहित अन्य संभावित जगहों पर उनकी तलाश कर रही थी. जिसके बाद आज दोनों की गिरफ्तारी हुई है।

बता दें उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग देहरादून द्वारा साल 2021 में स्नातक स्तरीय परीक्षाएं संचालित कराई गई थीं। परीक्षा में राज्य के करीब 1.60 लाख युवाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया गया था। परीक्षा परिणाम के बाद कई छात्र संगठनों ने इस परीक्षा के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के से परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका को लेकर मुलाकात की और ज्ञापन दिया था। जिसके बाद सीएम धामी ने पेपर लीक मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी।

Leave a Comment

Share on whatsapp