यूपी एटीएस ने कल मदरसों के सहारे आतंकी नेटवर्क तैयार करने वाले गजवा-ए-हिंद आतंकी संगठन से जुड़े 8 आतंकियों को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। इन आतंकियों के उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, उत्तराखंड के हरिद्वार और नेपाल बॉर्डर कनेक्शन सामने आए हैं। एटीएस की विभिन्न टीमों ने कार्रवाई करते हुए हरिद्वार से दो आतंकियों अलीनूर व मुदस्सिर को भी गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक बांग्लादेशी व दूसरा रुड़की के नगला इमरती गांव का रहने वाला है। उत्तर प्रदेश एटीएस और सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि ये 8 आरोपी बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और अलकायदा इंडियन से जुड़े हैं। ये संगठन भारत में अपना नेटवर्क फैलाने में जुटा हुआ था और इसके लिए संगठनों ने भारत में सीमावर्ती राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, असम आदि में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा था। इसके अलावा इन संगठन ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ लोगों को जोड़ते हुए चंदे के नाम पर टेरर फंड भी जुटाया।
जांच में सामने आया है कि ये लोग अपना नाम बदलकर खुफिया तौर पर रहते हुए कट्टरवादी विचारधारा के व्यक्तियों को जिहाद के लिए अपने संगठन से जोड़ते हैं। बांग्लादेशी पुलिस व अन्य एजेंसियों से बचने के लिए ये लोग कुछ खास ऐप का इस्तेमाल करते हैं और अपने संगठन में जुड़ने वाले नए लोगों को इस ऐप और अपनी बातचीत करने के लिए प्रशिक्षण भी देते हैं।
एटीएस ने बताया कि दोनों संगठन गजवा ए हिंद के उदेश्य को पूरा करने के लिए लोगों को अपने आतंकी संगठन में भर्ती करते थे। एटीएस ने इनको हरिद्वार, मेरठ और नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। इनके पास से आतंकी संगठनों से जुड़े दस्तावेज और टेरर फंडिंग से जुड़े पैसों का खातों में लेन-देन भी मिला है।
एटीएस के अनुसार सूचनाओं के आधार पर सहारनपुर के लुकमान, मोहम्मद अलीम व मोहम्मद मुख्तार, हरिद्वार के अलीनूर व मुदस्सिर, देवबंद से कामिल, शामली से कारी शहजाद और झारखंड के नवाजिश को गिरफ्तार किया है। इनसे जुड़े लोगों के विषय में जानकारी की जा रही है कि कैसे ये लोग यूपी और उसकी सीमा से जुड़े राज्यों में नेटवर्क फैला रहे थे और इनकी मंशा क्या थी।