देहरादून स्थित रेडक्रॉस कार्यालय सभागार में दो दिवसीय कार्यशाला में सभी जिलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यशाला में सभी प्रतिनिधियों को रेडक्रॉस के कार्यों को कैसे और अधिक बड़ाया जा सके और किस तरह से मानवीय पीड़ा को कम किया जा सके। आपदा के वक्त रेडक्रॉस के प्रतिनिधि अधिक से अधिक लोगो की सेवा कर सके। रेडक्रॉस सोसायटी भारत की आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ व सलाहकार रीना त्रिपाठी ने बताया की उत्तराखंड में आपदाओं के वक्त अधिक से अधिक लोगो की मदद करने के लिए हमे अपनी स्थानीय टीम को अधिक से अधिक मजबूत करने को कहा। साथ ही कहा की आपदाओं को हम रोक नही सकते पर आपदा के दौरान व बाद में राहत बचाव ज्यादा से ज्यादा चला सकते है अधिक से अधिक लोगो की जान बचाने का काम कर सकते है। इसके लिए टीम को मजबूत करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
वही रेडक्रॉस सोसायटी उत्तराखंड के चेयरमैन कुंदन टोलिया ने बताया की इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रेडक्रॉस के सात मूलभूत सिद्धांतो मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, एकता और सार्वभौमिकता को लेकर चलना है और मानवीय पीड़ा को अधिक से अधिक कम करने का काम करना है। इसके तहत सभी को और भी काम करने की जरूरत है। रेडक्रॉस में जूनियर रेडक्रॉस की टीम को अधिक से अधिक जोड़ने का काम करना होगा। हर जिले में वोलेंटियरो की सख्या बड़ाने पर भी जोर देना होगा।
वही महासचिव हरीश शर्मा ने बताया की रेडक्रॉस सोसाइटी समाजसेवा के कार्यों को लगातार करते आ रही है लेकिन हमे इसको आज और बड़ाने की जरूरत है। उत्तराखंड में लगातार आपदाएं आती रहती है इसके लिए हमे हमेशा तैयार रहने की जरूरत है। रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्यो को जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है। इस मौके पर जे एस पांगती, गौरव जोशी, मोहन खत्री, रीता गोयल, कल्पना बिष्ट, दीपक पाठक, आलोक पांडेय आदि मौजूद रहे।
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