बागेश्वर: कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन पर भाजपा कार्यालय पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने उन्हें यद किया और उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। वहीं, विभिन्न संगठनों ने भी शोक सभा आयोजित की।
भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दास का जीवन एक खुली किताब था। उन्होंने प्रत्येक को दुख-दर्द में साथ दिया। गरीब, असहाय लोगों के लिए जीते थे। उनके कार्यों को हमेशा प्राथमिता में रखते थे। जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव ने कहा की उनको भूलना नामुनकिन है। उनका हमेशा से जीवन सादा रहा है। वह चार बार के विधायक रहे, मंत्री रहे। कभी भी ऐसा लगा कि वह विधायक या मंत्री हैं। वह पार्टी में एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह ही रहते थे।
विधायक सुरेश गढ़िया ने कहा कि कैबिनेट मंत्री अपनी सौम्य और सादे जीवन के लिए हमेशा याद रहेंगे। उनकी मेरी जब भी मुलाकात हुई, जब भी उनसे बाते हुई, उनका अंदाज हमेशा से साधरण रहता था। उनको जिले के विकास की चिंता रहती थी। उनके सपनों को पूरा करने का मुख्यमंत्री धामी ने संकल्प लिया है। जिसे पूरा करने के लिए हम सब संकल्पबध हैं। इस मौके पर भाजपा जिला महामंत्री संजय परिहार, जिला उपाध्यक्ष मथुरा प्रसाद, जीवंती कांडपाल,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा आर्या, खड़क टंगड़िया, नगर अध्यक्ष रमेश तिवाड़ी, नगर महामंत्री संजय नेगी, मनोज ओली, रघुवीर दफौटी, ब्लॉक प्रमुख पुष्पा देवी, आदर्श कठायत, बलवंत सिंह टंगड़िया,आशा फुलारा, दीपक जोशी,अरुण कुमार, नीमा धपोला आदि उपस्थित थे।
बता दें कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का राजनीतिक सफर 1980 में शुरू हुआ। छात्र राजनीति के रूप में वह एमबी डिग्री कालेज हल्द्वानी में बीए प्रथम वर्ष में निर्विरोध संयुक्त सचिव बने। फिर लंबे समय तक सक्रिय कार्यकर्ता बने रहने के बाद वह 1997 में बागेश्वर में निर्दलिय नगर पालिका अध्यक्ष चुने गए। चंदनराम दास 2006 में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के नेतृत्व में भाजपा से जुड़े। इसके बाद वो वर्ष 2007, 2012, 2017 के बाद फिर 2022 में लगातार चार बार विधायक चुने गए। लगातार चार बार विधायक का चुनाव जीतने के बाद उन पर पार्टी ने भरोसा जताते हुए परिवहन और समाज कल्याण की अहम जिम्मेदारी दी। 2017 के बाद उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार 2022 में बनी भाजपा की सरकार में धामी मंत्रिमंडल में चंदनराम दास को शामिल किया गया। वह पहली बार मंत्री बने। इसके बाद उनके स्वास्थ्य ने उनकी चिंताएं बढ़ा दी। वह शुरू से ही लगातार बीमार चल रहे थे। आखिरकार 26 अप्रैल को उन्होंने बागेश्वर जिला अस्पताल में आखिरी सांस ली। कल 27 अप्रैल को उनका अन्तिम संस्कार बागेश्वर के सरयू घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।