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चारधाम यात्रा में किराए में वृद्धि को लेकर बीच का रास्ता निकलेगी सरकार- दास

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परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने विभागीय अधिकारियों और कारोबारियों के साथ चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में परिवहन मंत्री ने चारधाम यात्रा की तैयारी को लेकर समीक्षा की। बैठक में व्यवसायिक वाहनों के किराए, ग्रीन कार्ड को लेकर चर्चा की गई। बता दें कि पहली बार विभागीय मंत्री द्वारा परिवहन आयुक्त कार्यालय पर अधिकारी और ट्रांसपोर्टरों की इतनी बड़े स्तर पर बैठक की गई है। बैठक में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के साथ परिवहन आयुक्त रणवीर सिंह चौहान सहित विभागीय अधिकारी शामिल रहे. इस दौरान चारधाम ट्रिप कार्ड के संबंध बताया गया कि ट्रिप कार्ड में वाहन स्वामी को कोई डाटा फीड नहीं करना है, लेकिन वाहन चालक के लाईसेंस नंबर और जन्म तिथि फीड किए जाने पर लाईसेंस संबंधी डिटेल स्वतः प्राप्त हो जाएगी। इसके अतिरिक्त यात्रियों की सूची पर्यटन विभाग की वेबसाइट से ग्रुप आई या एकल व्यक्ति आईडी के आधार से अटैच हो जाएगी। ट्रिप कार्ड की संपूर्ण व्यवस्था ऑनलाइन माध्यम से की जानी है, इसके लिए वाहन स्वामी को परिवहन कार्यालय नहीं आना है और न ही कोई शुल्क ही भुगतान करना है। बैठक में विभिन्न परिवहन कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा सुझाव और मांग पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें टीजीएमओयू, जीएमओयू, केएमओयू, देहरादून कॉन्ट्रैक्ट कैरेज एसोसिएशन, देहरादून सिटी बस यूनियन, देहरादून-डाकपत्थर-विकासनगर यूनियन, टैक्सी यूनियन और भार वाहन एसोसिएशन शामिल रहे।

बैठक के मुख्य 10 बिंदु

1- चारधाम यात्रा से पूर्व यात्री किराया एवं माल भाड़े की दरों में संशोधन किया जाए।

2- चारधाम ट्रिप कार्ड व्यवस्था को इस वर्ष के लिए स्थगित रखा जाए और यात्री सूची की पूर्व व्यवस्था को यथावत मैनुअल आधार पर रखा जाए।

3- वाहनों के समर्पण की पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाए।

4- 20 अप्रैल 2022 से पुराने वाहनों में जीपीएस/वीएलटी लगाए जाने संबंधी शासन के आदेश दिनांक 25 मार्च 2022 को निरस्त किया जाए।

5- मई और जून माह में चारधामों पर भागवत कथा आदि की अनुमति प्रदान न की जाए, इससे जहां धामों में भीड़ बढ़ती है. वहीं, वाहनें भी कई-कई दिनों के लिए हैल्डअप हो जाती है।

6- ट्रिप परमिट/अस्थाई परमिट की ऑनलाइन व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर लागू की जाए।

7- चारधाम यात्रा मार्ग पर परिवहन विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा जगह-जगह वाहनों को रोककर चेक किया जाता है. जबकि उनके समस्त प्रपत्र वैध होते हैं. चेकिंग से जहां वाहन की यात्रा में अतिरिक्त समय लगता है, वहीं जाम की स्थिति भी बनती है।

8- यदि किसी वाहन की नियमित फिटनेस एवं ग्रीन कार्ड फिटनेस एक ही समय हो रही है, तो ऐसी स्थिति में दोनों कार्य एक साथ ही कर दिए जाएं और वाहन को निरीक्षण के लिए बार-बार न बुलाया जाए।

9- यात्रा मार्गों पर वाहनों की मरम्मत के लिए टाटा, अशोक लेलैंड, आयशर आदि भारी वाहनें बनाने वाली कंपनियों की मोबाईल वर्कशॉप की व्यवस्था किया जाए।

10- परिवहन चेक पोस्टों पर यात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधा और शौचालय आदि की व्यवस्था की जाए।

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