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सूझबूझ दिखाकर बचा व्यापारी, साइबर ठगी की हुई थी पूरी तैयारी

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बागेश्वर के एक व्यापारी के साथ अनोखे तरीके से ठगी का प्रयास किया गया। हालांकि समय रहते व्यापारी ठग की चाल को भांप गया और ठगी का शिकार होने से बच गया। व्यापारी ने टोलफ्री नंबर 112 के माध्यम से पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर मामले की जांच करने की मांग की है। सैम मंदिर वार्ड निवासी व्यापारी भाष्कर जोशी को शुक्रवार की सुबह 7379042287 और 8490886879 मोबाइल नंबरों से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को केंद्रीय ‌विद्यालय कौसानी का प्रधानाचार्य बताया और छह पानी की टंकी (सिनटेक्स) भिजवाने को कहा। कौसानी से डिमांड आने पर व्यापारी को ‌थोड़ा आश्चर्य हुआ, उसने फोन करने वाले से कहा कि वह कौसानी छोड़कर बागेश्वर से क्यों सामान मंगवा रहा है। फोनकर्ता ने कहा कि कौसानी में एक साथ छह टंकी नहीं मिल रही हैं। उसने व्यापारी से टंकी भिजवाने को कहा और नगद भुगतान करने की बात कही। केंद्रीय विद्यालय का सामान समझते हुए व्यापारी ने तत्काल अपनी गाड़ी से टंकी भिजवा दी। वाहन टंकी लेकर कौसानी पहुंचा तो चालक‌ ने व्यापारी को फोन किया। व्यापारी ने टंकी मंगवाने वाले को फोन कर वाहन के कौसानी पहुंचने की बात बताई। इस बार फोन करने वाले ने उसे विद्यालय के समीप एक स्थान पर वाहन खड़ा करने को कहा और 10 मिनट में आने की बात कही। 10 मिनट बाद भी वह नहीं पहुंचा तो चालक ने फिर व्यापारी को फोन किया। व्यापारी ने फिर टंकी मंगाने वाले को फोन किया तो इस बार वह टालमटोल करने लगा। उसने व्यापारी से कहा कि टंकी के नगद रुपये रखे थे व‌ह किसी अन्य कार्य में खर्च हो गए हैं। उसने ऑनलाइन भुगतान करने की बात कही और एक लिंक व्यापारी को भेजकर उसे खोलने को कहा। उसकी इस गतिविधि से व्यापारी को ठगी का अहसास होने लगा और उसने टंकी मंगाने वाले से सख्ती से बात की। व्यापारी के सख्त लहजे में बात करने के बाद फोन करने वाला गालीगलौज पर उतर आया और उसने भुगतान के नाम पर भेजे लिंक भी डिलीट कर दिए। व्यापारी ने ठग के बैंक खाते का पता लगाने के लिए गूगल पे से एक रुपया भेज दिया, ताकि पुलिस ठग के बैंक खाते की मदद से ठग तक पहुंच सके।

व्यापारी जोशी ने बताया कि फोनकर्ता ने उसने 500 लीटर के चार और 1000 लीटर के दो सिनटेक्स मंगवाए थे। जिनकी कीमत 20,700 रुपये थी। समय रहते अगर उसकी गतिविधियों पर संदेह नहीं होता तो ऑनलाइन ठगी हो जाती। इसके बावजूद व्यापारी को बागेश्वर से कौसानी तक सामान पहुंचाने और लाने में 1700 रुपये नुकसान उठाना पड़ा। वही पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने बताया कि ऑनलाइन ठगी के बचने के लिए जागरुक होना बेहद जरुरी है। व्यापारी ने ठगी से बचने के बावजूद पुलिस में मामला दर्ज कराकर समझदारी दिखाई है। इसकी पड़ताल कराई जाएगी। साइबर पुलिस लगातार लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरुक कर रही है। सभी लोगों को किसी भी तरह की ठगी की घटना होने या ठगी से संबंधित गतिविधि दिखने पर पुलिस को सूचित करना चाहिए। तभी साइबर अपराध पर नकेल कसी जा सकेगी।

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