नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक होली का माहौल बना हुआ है। महिला होल्यार भी पूरी तरह से होली के रंग से सराबोर हैं। नगर के विभिन्न वार्डों में महिला समूह घर-घर होली गीतों का गायन कर रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में भी होली गीत, नृत्य और विभिन्न स्वांग रचाकर महिलाएं उल्लास के साथ होली मना रहीं हैं।
नगर के बाजारी गोलू मंदिर में महिलाओं ने भक्ति रस से सजी होलियां गाईं। इस दौरान सिद्धि के दाता विघ्न विनाशक.. सहित तमाम होली गीत गाए गए। ठाकुरद्वारा वार्ड में महिला समूहों ने होली गीतों की महफिल सजाई। आदर्श कॉलोनी, नदीगांव, बिलौना, सैंज, मंडलसेरा, कठायतबाड़ा में महिलाओं ने जल कैसे भरुं यमुना गहरी.., मत जाओ पिया होरी आय रही…, चली-चली असुर तेरी नार मंदोदरी.. आदि होली गीत गाकर महफिल को होली के रंगों से रंग दिया। नगर की महफिलों में गीता रावल, उमा भरड़ा, ममता रावल, चंपा पांडेय, प्रेमा लोहनी, तारा तिवारी, मुन्नी पांडेय, जानकी तिवारी, सौम्या पांडेय, विमला तिवारी आदि ने होली गायन किया।
ग्रामीण अंचलों में महिलाएं उल्लास से परिपूर्ण होकर होली गायन में मस्त हैं। खेतीबाड़ी का काम समेटकर महिलाएं दोपहर बाद घर-घर जाकर होली गायन कर रही हैं। इस दौरान तरह-तरह के स्वांग भी रचाए जा रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि होली का त्योहार रोजमर्रा के कामकाज के बीच सुकून देने वाला है। इस त्योहार में क्या जवान क्या बुजुर्ग सभी एक रंग में रंगकर होली गायन करते हैं और कामधंधे की चिंता छोड़कर भरपूर मनोरंजन करते हैं।