वन रैंक वन पेंशन योजना में हुई विसंगतियों को दूर करने के लिए पूर्व सैनिक संघ द्वारा एक बार फिर से केंद्र सरकार को चेतावनी दी गई है। उनका कहना है कि यदि वन रैंक वन पेंशन योजना की विसंगतियों को दूर नहीं किया गया तो पेंशनर्स लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों ने बागेश्वर में केंद्र सरकार से वन रैंक वन पेंशन स्कीम की विसंगतियों को ठीक करने की मांग की है। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि जल्द ही यदि कोई निर्णय लिया गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा। दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व सैनिकों द्वारा मुद्दे की प्रतिक्रिया में तेजी लाई गई है।
सैनिकों ने कहा की पेंशन बड़ाने के लिए घटाया गया है। अधिकारियो को बड़ाने की कार्यवाही की गई है लेकिन से जेसीओ और सैनिकों की बड़ाने की जगह घटाया गया है जो काफी निंदनीय है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज रैली और प्रर्दशन कर केवल सरकार को चेताया गया है आगे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार के साथ उग्र से उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया की केंद्र सरकार के द्वारा कुछ समय पहले एक तरफ जहां वन रैंक वन पेंशन योजना के संशोधन को मंजूरी दी गई है। और orop 2 को लागू किया गया है जिसमें वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार 15 मार्च तक 25 लाख पेंशनर्स को एरियर का भुगतान किया जाना है। इसके लिए भी प्रक्रिया शुरू की जानी है। वही इसमें घोर लापरवाही की गई है जिसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
उन्होने मुख्य रूप से ओआरओपी 2 विसंगतियों को दूर करने, मिलिट्री सर्विस पे सबकी एक समान हो, आर्मी में सहायक प्रथा बंद हो, 2016 के बाद डिसेबिलिटी पेंशन बहाल करने, फिटमेन फैक्टर समान करने, विधवा पेंशन समान करने सहित विभिन्न मांगे की है।