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महिलाओ ने बागनाथ मंदिर में की वट वृक्ष की पूजा,पति की लंबी उम्र का मांगा आशीर्वाद।

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कुमाऊं की काशी बागनाथ नगरी बागेश्वर में रविवार को वट सावित्री का पर्व मनाया गया। सुहागिनों ने पति की लंबी उम्र के लिए वट वृक्ष की पूजा की।

ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन देशभर की सुहागिनें वट सावित्री का व्रत कर रहीं हैं। वट सावित्री पर्व पर देव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली।  प्रसिद्ध बागनाथ मंदिर में स्थित वट वृक्ष के पास क्षेत्र की सभी महिलाओं ने एकत्रित होकर पूजा-अर्चना की। वट सावित्री पर्व पर महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखा। इसके साथ-साथ महिलाओं ने वृक्ष के चारों तरफ कलावा लपेट परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। 

महिलाओं ने बताया कि वह कई सालों से इस त्योहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाती है। बागनाथ मंदिर के पंडित कैलाश उपाध्याय ने बताया कि इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते है और हमेशा सुख शांति बनी रहती है। बता दें कि सावित्री अपने पति सत्यभामा के प्राण यमराज से वापस ले आई थी। इसलिए इस दिन मां सावित्री का ध्यान कर वट वृक्ष की पूजा की जाती है। यह व्रत और पूजा पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार वट सावित्री व्रत को सौभाग्य, दीर्घायु और आरोग्य प्रदान करने वाला व्रत माना जाता है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जो भी स्त्री वट सावित्री व्रत रखती है, उसका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति को दीर्घायु मिलती है।

इस व्रत की मान्यता करवा चौथ व्रत के सामान ही है। इसी के मद्देनजर बागेश्वर में भी यह पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुहागिनों ने सुबह से स्नान, शृंगार के बाद बागनाथ मंदिर, चंडिका मंदिर, कालिका मंदिर, भगवती मंदिर, शिवालयों में पहुंची। यहां उन्होंने वट वृक्ष की पूजा अर्चना की कलावा से परिक्रमा की। साथ ही पति की दीर्घायु, निरोग और प्रगति की कामना की। 

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