logo

हस्थ निर्मित रिंगाल के बैज बना रहें हैं बागेश्वर के अंतिम गांव गोगीना छात्र

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में कपकोट के अंतिम गांव गोगीना में स्थित एकमात्र हाईस्कूल के बच्चों की कलाकारी कई लोगों की सुर्खियां बटोर रही हैं। वहां के बच्चों द्वारा पहाड़ में उत्पादित रिंगाल एवं घर में पड़ा हुआ रो मेट्रियल से बैज बनाएं हैं। जिनकी बाजार में अब काफी डिमांड बड़ रही है। 2021 दिसंबर माह में इस विद्यालय में भूपेंद्र कोरंगा एवं उनके साथियों द्वारा रामगंगा घाटी सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया था, उस महोत्सव में सभी मुख्य अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों को उस विद्यालय के बच्चो द्वारा हस्तनिर्मित बैज लगाएं गए थे। जिसके बाद सोशियल मीडिया में काफी चर्चा इन रिंगाल के बेजों को हुई। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी जी द्वारा विद्यालय जाकर बच्चों की सराहना की एवं 25 दर्जन बेज खरीद कर उचित दाम विद्यालय को दिया।


इस विद्यालय के प्रधानाचार्य दीपक प्रकाश ने कहा कि दूरस्थ गांव होने के बाबजूद भी उस विद्यालय में 104 बच्चे अध्यनरत हैं एवं सभी बच्चे काफी मल्टी टेलेंट से भरे हुए हैं और मैं उस टेलेंट को तराशने का हरसंभव प्रयास करता हूं। उन्होंने बताया कि बच्चो द्वारा रक्षाबंधन में भी रिंगाल की राखियां बनाई गई थी, एवं बच्चो द्वारा स्कूल में हस्तनिर्मित गमले भी लाए गए हैं जिसमें विद्यालय के सौन्दर्य को बढ़ाने के लिए सुंदर सुंदर फुुल लगाएं गए हैं। सिमित संसाधनों होने के बाबजूद भी इस विद्यालय के खेल में बच्चे राज्य स्तर तक प्रतिभाग कर चुके हैं एवं बोर्ड परीक्षा में सबसे अधिक 89% लाकर विद्यालय का नाम रोशन किया है। इसी के चलते इस विद्यालय को दीनदयाल पुरस्कार भी मिल चुका है।

Leave a Comment

Share on whatsapp