बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल के खिलाफ तहरीर देने पर एसडीएम सोहन सिंह सैनी को शासन ने हटा दिया है। एसडीएम ने विधायक पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी थी। विवाद बढ़ने पर शासन ने एसडीएम को कमिश्नर गढ़वाल ऑफिस अटैच किए जाने के आदेश दे दिए है। मामले में सोहन सिंह सैनी ने कल पुरोला थाने में विधायक के खिलाफ तहरीर दी थी। एसडीएम ने विधायक दुर्गेश्वर लाल पर जान से मारने की धमकी देने और छवि धूमिल पर केस दर्ज कराने की धमकी देने का आरोप लगाया था। साथ ही एसडीएम ने पुरोला बाजार में अभद्रता करने और समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर छवि खराब करने का आरोप लगाया था।
दोनो बीच का ये विवाद सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। बीजेपी विधायक के समर्थक एसडीएम के खिलाफ मोर्चा खोल के बैठ गए। एसडीएम द्वारा विधायक के खिलाफ ही तहरीर देने से विधायक की खासी किरकिरी हो रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन स्तर से डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू किए गए हैं। कार्मिक विभाग की ओर से एसडीएम को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए। उन्हें किसी नई तहसील की जिम्मेदारी देने की बजाय सीधे कमिश्नर गढ़वाल कार्यालय पौड़ी से अटैच करने के आदेश दिए गए हैं। एसडीएम का वेतन अब कमिश्नर पौड़ी कार्यालय से ही जारी होगा। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा इन जनप्रतिनिधियों के ऊपर सत्ता की हनक सिर चढ़कर बोल रही है कि यह एसडीएम और डीएम को अपना गुलाम समझने लगे हैं। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि एक अधिकारी जिसकी रूलबुक के हिसाब से वह अपनी सरकार के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयान नहीं दे सकता। फिर भी एसडीएम कितने मजबूर रहे होंगे कि उनको बाहर निकल कर आना पड़ा और अपने क्षेत्र के ही विधायक के खिलाफ तहरीर देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।