उत्तरकाशी एवलॉन्च में रेस्क्यू ऑपरेशन आज भी जारी रहा। दुर्घटना स्थल पर अभी तक 26 शव बरामद किये गए हैं। आज 7 और पर्वतारोहियों के शव बरामद हुए हैं। आज सुबह हर्षिल से 02 हेलीकाप्टरो ने घटनास्थल की ओर उड़ान भरी। एडवांस बेस कैंप में तैनात रेस्क्यू टीम द्वारा लापता शेष 10 ट्रेनी की खोजबीन की जा रही थी। इनमें से 7 के शव मिले हैं 3 और ट्रेनी की खोजबीन की जा रही है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हिमस्खलन से हुई दरार से कुल 26 शव बरामद किए गए हैं। आज उन्नत हल्के हेलीकाप्टर से शवों को हेलीपैड तक लाया गया। डीजीपी ने बताया कि कुल 30 बचाव दल तैनात हैं। आईटीबीपी, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, वायुसेना, सेना, एसडीआरएफ आदि की विभिन्न टीमों के कुल 30 लोगों को तैनात किया गया है।
आज 4 शवों को डोकरानी एडवांस बेस कैंप से आर्मी के हेलीकॉप्टर द्वारा हर्षिल हेलीपैड पर उतारा गया और वहां से एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल लाया गया। अस्पताल में चारों शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान जिला प्रशासन, आर्मी के जवान, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित परिजन भी मौजूद रहे। पोस्टमार्टम के बाद जिला अस्पताल ने शवों को परिजनों को सौंप दिया है।
अस्पताल में लाए गए चारों शव की शिनाख्त हो गई है। इनमें प्रशिक्षक सविता कंसवाल, नवमी रावत,अजय बिष्ट और हिमाचल शिमला निवासी शिवम कैंथोला के शव शामिल हैं।
उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी डांडा-टू में एवलॉन्च हादसे के बाद क्रेवास में फंसे पर्वतारोहियों तक गुरुवार को भी रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई थी। हादसे के बाद गुरुवार शाम तक 16 शव बरामद किए गए थे। बरामद शवों में दो ट्रेनर और 14 ट्रेनीज के शव थे। गुरुवार तक 13 पर्वतारोही लापता थे। द्रौपदी डांडा में मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू कार्य रोकना पड़ा था। उत्तरकाशी के उच्च इलाकों में हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी। गुरुवार सुबह चले रेस्क्यू के दौरान हेलीकॉप्टर की मदद से खोज एवं बचाव टीम ने कुल नौ लोगों के शव एडवांस बेस कैंप में पहुंचाए थे।