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नैनीताल हाईकोर्ट के वकील ने शत्रु सम्पत्ति भूमि पर रोहिंग्या मुसलमानों के कब्जे को लेकर पीएम को लिखा पत्र।

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नैनीताल में अब बाहरी लोगों द्वारा शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। वही प्रशासन पूरी तरह बेखबर है। शत्रु संपत्ति को कब्जा मुक्त कराने और अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट के वकील नितिन कार्की ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग है। साथ ही इन जगहों पर रोहिंग्या मुसलमानों के छुपे होने की आशंका जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में अधिवक्ता नितिन कार्की ने शत्रु संपत्ति में रोहिंग्या मुसलमानों के छुपे होने का अंदेशा जताया है। नितिन का कहना है कि नैनीताल में विशेष समुदाय के लोग शत्रु संपत्ति की भूमि पर कब्जा कर बड़े- बड़े घर तक बना रहे हैं। पत्र में शत्रु संपत्तियों पर कब्जा करने वालों में उत्तर प्रदेश के सुवार, मुरादाबाद, दडियाल, टांडा के साथ बांग्लादेशी होने की बात कही गई है। नितिन का कहना है कि इन लोगों के पास दो-दो पहचान पत्र भी हैं, जिनकी जानकारी उन्होंने सरकार को दी है। वही शहर के बीच मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति है। केंद्र सरकार के अधीन 11 हजार 385 वर्ग मीटर जमीन पर निर्माण है। जबकि 22 हजार 489 वर्ग मीटर जमीन खाली पड़ी थी। करीब 90 करोड़ से ज्यादा की यह संपत्ति राजा मोहम्मद अमीर अहमद खान, निवासी महमूदाबाद, जिला सीतापुर की है। यह संपत्ति 1965 में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रकाशित गजट के आधार पर शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद से ही ये जमीन सरकार के अधीन है। मामला प्रकाश में आने के बाद नैनीताल के डीएम धीराज गर्ब्याल ने कार्रवाई की बात कही है। डीएम ने कहा मामला गंभीर हैं। मेट्रोपोल में शत्रु संपत्ति पर किसी ने भी कब्जा किया होगा तो जांच कर उसको हटाया जायेगा। मामले के अनुसार 1947 में देश बंटवारे और 1962 में चीन, 1965 और 1971 पाकिस्तान के साथ हुई जंग के दौरान या उसके बाद कई लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए। इन नागरिकों को भारत सरकार शत्रु मानती है। ऐसी संपत्तियों की देखरेख के लिए सरकार एक कस्टोडियन की नियुक्ति करती है। भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत शत्रु संपत्ति को कस्टोडियन में रखने की सुविधा प्रदान की गई। केंद्र सरकार ने इसके लिए कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी विभाग का गठन किया है। जिसे शत्रु संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार है।

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