पिंडारी ट्रैकिंग रूट में द्वाली के पास पिंडर नदी में 9 साल बाद झूलापुल बन गया है। पिंडर नदी में बना झूलापुल जून 2013 के जलप्रलय में बह गया था। पुल न होने से बरसात में लोगों को नदी से आवागमन करना पड़ता था। अब ट्रैकरों के साथ ही स्थानीय लोगों की आवागमन की दिक्कत दूर हो जाएगी।
16 जून 2013 को पिंडारी ट्रैकिंग रूट पर द्वाली में पिंडर नदी पर बना झूलापुल बह गया था। झूलापुल बहने से खाती समेत आसपास के गांवों के लोगों को आवागमन में दिक्कत तो हो ही रही थी, पिंडारी ग्लेशियर ट्रैकिंग पर जाने वाले ट्रैकरों को भी परेशानी उठानी पड़ती थी। लोग लंबे समय से द्वाली में झूलापुल बनाने की मांग कर रहे थे। शासन ने वर्ष 2015 में झूलापुल स्वीकृत हुआ। पुल का काम धीमी गति से होने के कारण पुल बनने में देरी हुई। अब पुल का काम पूरा हो गया है। 2.36 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण हुआ है। खातीगांव निवासी तारा सिंह दानू ने बताया कि पुल न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब आवागमन सुविधाजनक हो जाएगा।। पिंडर नदी में झूलापुल बहने के बाद से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। हर साल बरसात में पिंडर नदी पर लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनाई जाती थी, जो नदी के उफान पर आने पर बह जाती थी। लोगों को जान जोखिम में डालकर नदी से आवागमन करना पड़ता था। वही कपकोट लोनिवि के ईई एसके पांडे ने बताया कि झूलापुल बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही पुल का उद्घाटन किया जाएगा। पुल बनने से सीमांत के लोगों के साथ ही ट्रैकरों की दिक्कतें कम हो जाएंगी।