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उच्च न्यायालय ने नैनीझील में गंदगी का स्वतः लिया संज्ञान, एसडीएम, ईओ और कोतवाल को किया तलब।

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स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने नैनीझील में गंदगी के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए नैनीताल के एस.डी.एम., नगर पालिका ई.ओ.और कोतवाल मल्लीताल को अपने न्यायालय में तलब किया। मामले में तीनों को बुधवार के दिन समाधान के साथ खड़े रहने को कहा गया है।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा सवेरे नैनीझील के किनारे पैदल निकलते हैं। दो दिनों से हो रही बरसात के बाद नैनीझील में चारों तरफ खाली बोतलों, कूड़े और थैलियों का अंबार लग गया। ये कूड़ा सीधे या नैनीताल कैचमेंट के 62 नालों के माध्यम से नैनीझील तक पहुंचता है। न्यायमूर्ति शर्मा ने गंदगी का अंबार देखकर सरोवर नगरी की स्वच्छता के लिए की जा रही व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए स्वतः संज्ञान ले लिया। उन्होंने नैनीताल के एस.डी.एम.राहुल साह, नगर पालिका के ई.ओ.आलोक उनियाल और कोतवाल धर्मवीर सोलंकी को दोपहर दो बजे तलब कर लिया। दोपहर में न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने सभी से गंदगी के निस्तारण के लिए उनकी कार्यवाही और प्लानिंग पूछी। जवाब से असंतुष्ट न्यायालय ने तीनों को गंदगी मिटाने के लिए किए जा रहे कार्यों और उपायों के साथ बुधवार को दोबारा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है। एकलपीठ ने झील में गंदगी साफ करने के लिए पाली गई मछलियों को पर्यटकों द्वारा मैदे के बने बन और ब्रेड खिलाने पर भी नाराजगी जताई है। उन्होंने उसे तत्काल रोकने के निर्देश दिए हैं।

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