दिल्ली में आज मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। पश्चिमी दिल्ली में रहने वाले युवक में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। युवक की विदेश जाने की कोई हिस्ट्री नहीं है। युवक पिछले दिनों यह मरीज गर्मी की छुट्टी मनाने कुल्लू मनाली गया था। पीड़ित युवक का डॉक्टरों की निगरानी में दिल्ली के जेपी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
देश में मंकीपॉक्स के अब तक कुल चार मामले सामने आ चुके हैं। तीन मामले केरल में पहले ही आ चुके है। दिल्ली में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद दिल्ली सरकार सतर्क हो गई है। सरकार की ओर से एतिहातन तैयारी शुरू कर दी गई है। दिल्ली सरकार की ओर से लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल को नोडल सेंटर बनाया गया है। इस संबंध में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार का कहना है की मंकीपॉक्स के मद्देनजर एक छह बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। मरीज को आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा जहां पर ऐसे मरीजों का भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देशों के मुताबिक टेस्ट और उपचार किया जाएगा। इसके लिए आज 20 डॉक्टर,नर्स और मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई है।
जेपी अस्पताल के डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि मंकीपॉक्स बीमारी एक दूसरे से फैलती है। इस बीमारी से खुद को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करना है। इसके साथ जिस प्रकार से कोविड-19 में पीपी किट का उपयोग किया उसी तरह से मंकीपॉक्स के उपचार के दौरान भी पीपी किट का पहनना आवश्यक है। उन्होंने ने बताया कि जो भी संक्रमित या संदिग्ध मरीज होता है उसके स्किन का सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा जाता है। मंकीपॉक्स के लक्षणों में अगर किसी व्यक्ति ने उन अंतरराष्ट्रीय देशों में यात्रा की है जहां पर मंकीपॉक्स के मामले आ रहे हैं,व्यक्ति के स्किन में निशान है, बुखार, आंखों में लाल पन, जोड़ों में दर्द है तो व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बता दे कि 14 जुलाई को भारत में मंकीपॉक्स का पहला केस आया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 63 देशों में मंकीपॉक्स फैल चुका है। वहीं पूरी दुनिया में 9000 से अधिक केस अब तक आ चुके हैं जिसमें तीन मरीज की जान जाने की पुष्टि हुई है।