जनपद के कांडा क्षेत्र में नवजात स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। प्रसव पीड़ा उठने पर पहले तो गर्भवती को एंबुलेंस नहीं मिली, किसी तरह अस्पताल तक लाया गया तो चिकित्सक भी नदारद थे। एक नर्स ने प्रसव तो करा दिया, लेकिन कुछ समय बाद ही नवजात ने दम तोड़ दिया।
बच्चे की मौत से दुखी पिता ने 108 सेवा खराब होने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग कांडा की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। इसकी शिकायत अनुसूचित जाति आयोग से की गई है। कांडे कन्याल निवासी ललित प्रसाद पुत्र जोगा राम ने आयोग के अध्यक्ष समेत प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की शिकायत की है। कहा है कि उनकी पत्नी बीना को 21 फरवरी को प्रसव पीड़ा उठी। उन्होंने 108 नंबर पर काल की, जिस पर एंबुलेंस खराब होने की बात बताई। वह अन्य वाहन से अपनी पत्नी को लेकर कांडा अस्पताल लेकर गए। वहां इमरजेंसी पर कोई तैनात नहीं था और कक्ष खाली था। इस पर प्रभारी चिकित्साधिकारी को फोन किया। एक नर्स वहां आई और उसने प्रसव कराया। जन्म के बाद नवजात मां का दूध नहीं पी सका तो घर से मंगाया गया। दूध पिलाया और बच्चे को गर्म बिस्तर पर रखा। कुछ देर बाद ही नवजात की मौत हो गई। ललित प्रसाद ने इसके लिए कांडा चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यहां पर प्रभारी चिकित्साधिकारी समेत कोई चिकित्सक नहीं रहते हैं। नर्स के भरोसे स्वास्थ्य सेवा छोड़ दी गई है। उन्होंने आयोग समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस मामले की शिकायत करते हुए मामले की जांच करने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वही मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुनीता टम्टा ने ने बताया कि शिशु की मौत से मैं भी काफी व्यथित हूं। नवजात की मौत के कई कारण होते हैं। मामला गंभीर है, इसकी जांच कराई जाएगी।