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जिलाधिकारी ने जिले को तीन साल मे क्षय मुक्त कराने का दिया लक्ष्य।

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विश्व क्षय रोग दिवस हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक करने के साथ ही इसकी रोकथाम करने से है। क्षय या टीबी रोग को लेकर समाज में फैली भ्रांतियां धीरे-धीरे कम होने के बाद अब जांच कराने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। जिसके सुखद परिणाम भी दिख रहे हैं। बागेश्वर जिले में साल दर साल टीबी के मरीजों की संख्या कम होती जा रही है। इस वर्ष जनवरी से अब तक 106 लोगों में टीबी की बीमारी के लक्षण पाए गए। जिनमें से 82 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है। टीबी अब लाइलाज बीमारी नहीं है। डॉट्स पद्धति से इस बीमारी का संपूर्ण इलाज होता है। जिले में टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। मरीज स्वयं टीबी की जांच कराने आने लगे हैं।

अधिकांश मरीज डॉक्टरों की सलाह के अनुसार उपचार करा रहे हैं। इसके असर से जिले में टीबी के मरीजों की संख्या भी घट रही है। जिले में अब उपचार के साथ टीबी से बचाव की थेरेपी सुविधा भी उपलब्ध है। इसका लाभ मरीजों को मिल रहा है। पिछले पांच वर्षों के दौरान अब मरीज धीरे-धीरे स्वयं जांच कराने के लिए आने लगे हैं। जांच में तेजी आने से बीमारी को कम करने में विभाग को मदद मिल रही है।

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