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जिला पंचायत बागेश्वर के बजट आवंटन का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जिपं उपाध्यक्ष सहित सदस्यों का आंदोलन स्थगित

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बागेश्वर: पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने कहा कि जिला पंचायत में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष समेत नौ सदस्य हाईकोर्ट गए हैं। बीते मंगलवार को उनका प्रार्थना सुना गया। सचिव पंचायती राज, जिलाधिकारी, अध्यक्ष जिला पंचायत, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब धरना-प्रदर्शन स्थगित रहेगा।

कल जिला पंचायत सभागार में पत्रकार वार्ता में पूर्व जिपंअ ऐठानी ने कहा कि वह तीसरी बाद धरने पर थे। पिछली बार के आंदोलन को जिलाधिकारी और जिला पंचायत अध्यक्ष के आश्वासन के बाद स्थगित किया गया था। समझौतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार ने हाईकोर्ट में रीट दायर कर दी है। जिसमें विवेकाधीन कोष, सदन में नियुक्ति, बजट का मानक के अनुरूप वितरण नहीं होना, समितियों का गठन आदि बिंदू शामिल किए गए हैं। जिस पर उच्च न्यायालय ने जवाब मांगा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीते 21 अक्टूबर को जिला पंचायत की सामान्य बैठक आयोजित की गई। जिसमें कोतवाली पुलिस ने अभद्रता की। जिसकी जांच की मांग की गई। सीओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। वह अब जांच रिपोर्ट सूचना अधिकारी के तहत मांगेंगे। एसडीएम ने कोतवाल को मौखिक आदेश दिया था। यह जांच भी अधर में हैं। बीते एक नंवबर को जिलाधिकारी से मिले। उन्होंने तीन दिन के भीतर जांच का आश्वासन दिया। लेकिन अभी तक सीमित भी नहीं बन सकी है। कुमाऊं कमिश्नर भी तीन माह के बाद जांच नहीं करा सके हैं। जबकि पूर्व की जांच में जिलाधिकारी ने जिला पंचायत अध्यक्ष को आंशिक दोषी माना है। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य रूपा कोरंगा, इंद्रा परिहार, रेखा देवी, वंदना ऐठानी, गोपा धपोला, सुरेंद्र खेतवाल, पूजा आर्य आदि उपस्थित थे।

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