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शिक्षक ऐसोसिएशन ने 22 वर्षों से रिक्त पदों सीधे और विभागीय पदोन्नति की मांग की है।

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माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। शिक्षा प्रभावित हो रही है। शिक्षक ऐसोसिएशन ने 22 वर्षों से रिक्त पदों सीधे और विभागीय पदोन्नति की मांग की है।

अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक ऐसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा के नेतृत्व में शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती और विभागीय पदोन्नति की नीतियों का समर्थन करते हैं। यह व्यवस्था विद्यालय शिक्षा की बेहतरी के साथ ही विद्यालय के लिए भी लाभकारी है। विभागीय पदोन्नति से विद्यालयों को जहां अनुभवी प्रधानाचार्य मिलते हैं। वहीं सीधी भर्ती से युवा उत्साही और नई सोच के अनुसार कार्य करने वाले युवा प्रधानाचार्य मिलते हैं। जो विभाग में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं। जबकि वर्तमान में विभागीय पदोन्नति के आधार पर पदोन्नत प्रधानाचार्य औसतन चार पांच वर्ष में की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं। प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती की यह व्यवस्था विभाग में पूर्व में भी रही है। वर्तमान में भी यह उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों के साथ ही केंद्रीय विद्यालयों में भी विद्यमान है। उन्होंने विभाग में प्रधानाध्यापक पद पर रिक्त पदों को एलटी व प्रवक्ता संवर्ग के लिए निर्धारित कोटे के आधार पर भरने की मांग की। विभागीय वरिष्ठता के आधार पर एलटी प्रवक्ता पद पर कार्यरत शिक्षकों को स्थाई रूप से प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नत किया जाए। प्रधानाचार्य पदों की तुलना में प्रधानाध्यापक के पद कम होने से प्रधानाचार्य के आधे पदों को भी भरना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में पदोन्नत प्रधानाध्यापकों को वन टाइम सेटेलमेंट का लाभ देकर प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत किया जा सकता है।

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